Faridabad News: बचपन से पढ़ने में तेज थी तो माता पिता ने बड़ी होने पर यह सोच कर एमबीए कोर्स करा दिया कि अच्छी जॉब हासिल कर परिवार का नाम रोशन करेगी। युवती ने एमबीए में मार्केटिग और मैनेजमेंट के गुण भी सीखे, लेकिन इस सीख को सही दिशा में यूज करने की जगह युवती ने एनजीओ की आड़ में बच्चा तस्करी शुरू कर दी। युवती ने समाजसेवा के नाम का ऐसा ताना-बाना बुना की इसे शहर के संभ्रंत लोगों में गिना जाने लगा। मगर सीएम फ्लाइंग ने महिला द्वारा रची गई इस पाप नगरी को ध्वस्त कर उसे और उसके एक कर्मचारी को दबोच लिया।
मूलरूप से रामनगर यूपी मथुरा की रहने वाली हिना माथुर ने करीब पांच साल पहले उड़ान नाम से एक एनजीओ शुरू किया। यह एनजीओ वैसे तो गरीब बच्चों की शिक्षा व रहन-सहन में सुधार करने के लिए काम करता था, लेकिन असल में यह नवजात बच्चों की तस्करी कर रहा था। जांच अधिकारियों के अनुसार इन आरोपियों ने एनजीओ के जरिए शहर के सभी रसूखदार लोगों के बीच अपनी पहचान बना रखी थी। ये बच्चों की देखभाल के नाम पर लोगों से डोनेशन भी लेती थी।
क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 के प्रभारी ब्रह्मप्रकाश ने बताया कि एनजीओ संचालिक हीना अपने पहचान के दम पर ऐसे परिवारों को तलाश करती थी, जिसके पास ज्यादा बच्चे हों और जो माता-पिता बच्चों की देखभाल कर पाने में असमर्थ हों। ये ऐसे माता-पिता को बड़े तरीके से अपने जाल में फंसाती और उन्हें बच्चा गोद देने के लिए राजी कर लेती। ये उन्हें बच्चे को अच्छी शिक्षा व रहन-सहन के सपने दिखाती थी। सेक्टर-चार में रहने वाले एक दंपती को 15 दिन पहले तीसरी बच्ची हुई थी, इस परिवार को भी इसने इसी तरह से राजी किया। उन्हें बच्चा गोद देने का झांसा देकर इसने बच्ची को बेचने के लिए ग्राहक की तलाश शुरू की। इस बारे में इसने अपने वाट्स-एप पर स्टेट्स लगाया। जिसको देखकर किसी ने सीएम फ्लाइंग को सूचना दे दी। जिसके बाद सीएम फ्लाइंग की टीम ने फर्जी ग्राहक बनाकर हिना से संपर्क किया और बच्ची के लिए दो लाख रुपये में सौदा तय हो गया। जिसका एडवांस लेते हुए इसे दबोच लिया गया। पुलिस आरोपी को रिमांड पर लेकर अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही कि इसने अब तक कितने बच्चों को और किस-किस को बेचा है।