Faridabad News: फरीदाबाद के लाखों लोगों को एक नई तरह के मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे करने के लिए अधिकृति की गई एजेंसी ने गलत सर्वे कर दिया है, जिसकी वजह से लाखों लोगों को गलत प्रॉपर्टी टैक्स भेजा जा रहा है। सर्वे में किसी के मकान का साइज ज्यादा दर्ज किया गया है तो किसी मकान में मालिक का नाम गलत चढ़ा दिया गया है। निगम अधिकारियों का कहना है कि, इस प्राइवेट एजेंसी को घर-घर जाकर सर्वे करने को कहा गया था, लेकिन कंपनी के कर्मचारियों ने घर बैठे सर्वे रिपोर्ट तैयार कर दिया। अब नगर निगम के तीनों जोन में कैंप लगाकर गलतियां सुधारने का काम किया जा रहा है। शहर के लोगों का कहना है कि, इन गलतियों की वजह से आम लोगों का समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है।
बता दें कि, फरीदाबाद नगर निगम ने रेजिडेंशल, कमर्शल व इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड बनाने के लिए यह सर्वे वर्ष 2019 में कराया था। यह कार्य एक प्राइवेट एजेंसी को सौंपा गया था। कंपनी ने जनवरी 2019 में ड्रोन से सर्वे किया और इसके बाद डोर टू डोर सर्वे शुरू किया। इस कंपनी को सर्वे का कार्य 15 दिसंबर 2019 तक समाप्त करना था, लेकिन लगभग तीन साल हो जाने के बाद भी सर्वे का कार्य चल रहा है। अभी तक डोर टू डो0र सर्वे में 5 लाख 70 हजार नई प्रॉपर्टी का पता चला है, जिनसे टैक्स की वसूली शुरू हो चुकी है। बाकि का सर्वे किया जा रहा है।
निगम अधिकारियों के अनुसार, जब यह एजेंसी सर्वे कर रही थी तो इसने इस कार्य के लिए कॉलेज स्टूडेंट्स या फिर नए युवाओं को रख लिया। इन कर्मचारियों को डोर टू डोर जाकर मकान का साइज, फोटो, फोन नंबर, मकान का नंबर आदि की जानकारी हासिल कर ऑनलाइन फीड करना था, लेकिन कोरोना वायरस फैलने के कारण ज्यादातर वॉलिंटियर डोर टू डोर गए ही नहीं, उन्होंने घर बैठे ही गलत जानकारी भर दी। जिसका खमियाजा अब एजेंसी को भुगतना पड़ रहा है। अधिकारियों के अनुसार, शहर में इस वक्त 5 लाख 70 हजार नई प्रॉपर्टी में से 2 लाख 50 हजार को नोटिस भेजा जा चुका है। इनमें से करीब 1 लाख से भी ज्यादा प्रॉपर्टी में गलतियां पाई गई हैं। निगम के अडिशनल कमिश्नर अभिषेक मीणा ने कहा कि, गलती में सुधार के लिए कैंप लगाने के आदेश दे दिए गए हैं, जल्द ही सभी वार्ड में कैंप लगाए जाएंगे।