Faridabad News: फरीदाबाद नगर निगम में हुए करोड़ों के रुपये घोटाला मामले की परतें जल्द ही खुलनी शुरू हो जाएंगी। अब इस मामले को विजिलेंस ने अपने हाथों में ले लिया है। स्टेट विजिलेंस ने इस घोटाले की एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की है, जिसमें नगर निगम के एक्सईएन, सिंचाई विभाग के एसडीओ और विजिलेंस के एक्सईएन को शामिल किया गया है। वहीं विजिलेंस द्वारा दर्ज किए गए मुकदमें में मुख्य अभियंता डीआर भास्कर, ठेकेदार सतवीर, एक्सईएन रमन शर्मा, अकाउंट ब्रांच से दीपक थापर, जेई दीपक, पंकज, प्रदीप और तस्लीम को आरोपी बनाया है।
विजिलेंस द्वारा दर्ज मुकदमे के अनुसार, नगर निगम द्वारा ठेकेदार सतवीर को वार्ड 34 से 40 तक पुलिया बनाने, इंटरलाकिग टाइल लगाने, स्टोन मेटल लगाने का कार्य अलॉट हुए थे। इनके कार्य किए नहीं गये, लेकिन ठेकेदार को करीब पांच करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। अब यह कमेटी जांच करेगी कि, ठेकेदार द्वारा धरातल पर कितना काम किया गया और बिना कार्य के पैसों का भुगतान क्यों किया गया। कमेटी से मिली जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी गिरफ्तार हो चुका ठेकेदार सतवीर
बता दें कि, ठेकेदार सतवीर को इससे पहले भी विजिलेंस ने 55 लाख के काम में करीब ढा़ई करोड़ रुपये के भुगतान का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर चुकी है। उस समय छह दिन की रिमांड के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया था, आरोपी अभी भी जेल में ही है। अब नए मुकदमे में पूछताछ के लिए उसे प्रोडक्शन वारंट पर लिया जाएगा। इस मामले में बाकी आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए भी विजिलेंस छापेमारी कर रही है।
वर्ष 2020 में उजागर हुआ था घोटाला
फरीदाबाद नगर निगम में हुआ यह घोटाला मई 2020 में उजागर हुआ था। उस समय फरीदाबाद नगर निगम के कई पार्षदों ने तत्कालीन निगम आयुक्त को शिकायत कर घोटाले की जानकारी दी थी। पार्षदों ने अपनी शिकायत में कहा था कि, निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतबीर की विभिन्न फर्मों को बिना काम किए भुगतान कर दिया है। जिसके बाद निगम आयुक्त ने अपने स्तर पर मामले की जांच की तो ठेकेदार को भुगतान में अनियमितताएं पाई गई। जिसके बाद पूरे मामले की जांच के लिए उन्होंने विजिलेंस की सिफारिश की थी।