फरीदाबाद के कई इलाकों में इस समय पेयजल संकट बना हुआ है। इसका सबसे मुख्य कारण यमुना किनारे लगाए गए रेनीवेल से कम पानी आना। फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) के अधिकारियों के अनुसार कई रेनीवेल के पाइपों में मिट्टी जम गई है, जिस वजह से इन रेनीवेल में इस समय पानी करीब बीस फीसदी तक कम हो गया है। ऐसे में अब एफएमडीए पेयजल आपूर्ति को सुचारू रखने और भविष्य में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति के लिए अलग-अलग योजनाएं बनाने में जुटा है।
एफएमडीए अधिकारियों के अनुसार सबसे पहला लक्ष्य वर्तमान में मौजूद सभी संसाधनों का उपयोग करना और पेयजल की बर्बादी को रोकना है। एफएमडीए के मुख्य अभियंता एनडी वशिष्ठ ने कहा कि फरीदाबाद के रेनीवेल की क्षमता करीब 220 एमएलडी पानी की है, जबकि इसका उत्पादन कम होकर इस समय करीब 180 एमएलडी पानी रह गया है। अगले दो महा के अंदर पुराने रेनीवेल की मरम्मत कर इसकी क्षमता को फिर से 210 एमएलडी तक ले जाया जाएगा। इससे शहर को करीब 30 एमएलडी अतिरिक्त पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
एफएमडीए अधिकारियों के अनुसार, यमुना किनारे लगे 16 रेनीवेल, सात लाइनों और करीब 425 किलामीटर लंबी पाइप लाइन, तीन बड़े व 16 अन्य बूस्टिंग स्टेशनों की ऑपरेशन व्यवस्था को निजी कंपनी को सौंपा जाएगा। इस व्यवस्था पर दो साल में करीब 17 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए एफएमडीए की तरफ से निविदाएं जारी कर दी गई हैं। मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद पाइप लाइन में लीकेज के कारण पेयजल आपूर्ति बाधित नहीं होगी। अभी पाइपलाइन में लीकेज होने में सात-आठ दिन इसे ठीक करने में ही चले जाते हैं। जिससे इस पाइप लाइन से जुड़े इलाकों में पानी की समस्या बढ़ जाती है। अधिकारियों के अनुसार रेनीवेल को भी दुरुस्त किया जाएगा। इससे करीब 40 एमएलडी पानी की क्षमता बढ़ सकेगी। इसके अलावा एफएमडीए सात नए रेनीवेल को लगाने की योजना पर भी कार्य कर रहा है, जिससे शहर को 70 एमएलडी अतिरिक्त पानी मिलेगा।