Faridabad Lake: फरीदाबाद में बड़खल झील को गुलजार करने की प्रक्रिया तेजी हो गई है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड की तरफ से सेक्टर-21 में सीवर शोधन संयंत्र (एसटीपी) लगाने के साथ ही, झील में खड़ी झाड़ियों को काटा जाएंगा। साथ ही, झील परिसर में सर्फेस पार्किंग का निर्माण भी होगा। सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। अरावली की मनमोहक वादियों में बसी बड़खल झील वर्ष 2005 से पहले तक लबालब थी, लेकिन भूजल दोहन के कारण आज सूखी पड़ी है। इसमें बड़ी-बड़ी झाड़ियां उगी हैं। पहले यह झील दिल्ली-एनसीआर के लोगों की सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल भी थी। झील सूखते ही पर्यटकों ने भी इससे मुंह मोड़ लिया है।
विधायक सीमा त्रिखा के ड्रीम प्रोजेक्ट बड़खल झील को वर्ष 2015 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कायाकल्प का एलान कर दिया था। यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल है। साल 2018 में झील के कायाकल्प का काम शुरू किया गया था। अब स्मार्ट सिटी की तरफ से बड़खल झील तक पाइप बिछा दिए गए हैं। वहीं सेक्टर-21ए में निर्माणाधीन सीवर शोधन संयंत्र का निर्माण कार्य 50 फीसदी पूरा कर लिया गया है।
पार्किंग में खड़ी होंगी 500 गाड़ियां
बड़खल झील में आने वाले पर्यटकों को पार्किंग की समस्या से निजात मिलेगी। इसके लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने पूर्व निर्धारित स्थान पर सर्फेस पार्किंग बनाने की योजना बनाई है। पिछले दिनों हुई बोर्ड बैठक में इसे मंजूरी भी मिल गई है। इस पार्किंग में एक साथ करीब 500 गाड़ियां खड़ी हो सकेंगी। जल्द पार्किंग का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
आधुनिक तकनीक से बनाए जाएंगे घाट
बड़खल झील के घाटों को मुंबई के मरीन ड्राइव की तर्ज पर आधुनिक तकनीक से बनाया जाएगा। ये देखने में बेहद खूबसूरत होंगे। इस पर करीब 21 करोड़ की लागत आएगी। आपको बता दें कि, स्मार्ट पार्किंग के निर्माण पर 3.08 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके अलावा झील के अंदर झाड़ियां काटने के साथ मुख्य बांध को बड़ा करने में 20.53 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बड़खल झील के अन्य कार्यों को पूरा करने में 1.42 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
वन विभाग काटेगा झाड़ियां
झील में खड़ी झाड़ियों को काटने का कार्य वन विभाग करेगा। इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। 15 दिन में झाड़ियां साफ होने के बाद योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।