Faridabad Greenery: शहर को सांस लेने का मिलेगा नया मौका, प्रशासन यहां हरियाली बढ़ाने पर खर्च करेगा 49 करोड़

Faridabad Greenery: फरीदाबाद को हराभरा बनाने और दमधोंटू वायु प्रदूषण से राहत देने के लिए प्रशासन 49 करोड़ रुपये खर्च करेगा। शहर के सभी ग्रीन बेल्‍ट को कब्‍जा मुक्‍त बनाने के साथ वहां पर पेड़-पौधे लगाए जाएंगे।

Faridabad Green Belt
फरीदाबाद में पेड़-पौधों के बगैर खाली पड़ा एक ग्रीन बेल्‍ट   |  तस्वीर साभार: फेसबुक
मुख्य बातें
  • फरीदाबाद के लोगों को दमघोंटू वायु प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति
  • एफएमडीए 49 करोड़ रुपये खर्च कर सभी ग्रीन बेल्‍ट को करेगा विकसित
  • शहर के सभी ग्रीन बेल्‍ट को कब्‍जा मुक्‍त कर होगा पौधारोपड़

Faridabad Greenery: दम घोंटू प्रदूषण से जूझ रहे फरीदाबाद के लोगों को ताजी हवा में सांस लेने के लिए प्रशासन नया मौका देने जा रहा है। फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) शहर की सभी ग्रीनबेल्ट को नया जीवन देगा। एफएमडीए की इस योजना पर 49 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें ग्रीनबेल्ट से अतिक्रमण हटाने, पौधारोपण, तारफेंसिग सहित सीवर का साफ पानी पहुंचाना भी शामिल है। एफएमडीए के इस प्रोजेक्‍ट के पूरा होने के बाद जहां शहर में हरियाली बढ़ेगी, वहीं शहरवासियों को दमघोंटू  वायु प्रदूषण से भी राहत मिलेगी।

औद्योगिक नगरी की पहचान प्रदूषित शहरों के तौर पर की जाती है। यहां पर कई बार वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंच जाता है। यह वायु प्रदूषण की बेहद खतरनाक श्रेणी मानी जाती है। इसलिए यहां अधिक से अधिक पौधारोपण होना जरूरी है। यदि बात करें ग्रीनबेल्ट की, तो यहां पौधारोपण के नाम पर अभी तक खानापूर्ति ही होती रही है। हालांकि अब प्रशासन ने इस शहर को हराभरा बनाने के लिए योजना पर कार्य शुरू कर दिया है।

अतिक्रमण का शिकार हैं अधिकतर ग्रीनबेल्ट

फरीदाबाद के अंदर सड़कों के किनारे बने ज्‍यादातर ग्रीन बेल्‍ट अतिक्रमण की भेंट चढ़ गए हैं। योजना के अनुसार नगर निगम और एफएमडीए की टीम सबसे पहले इन जगहों को कब्‍जामुक्‍त करने के लिए अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाएगी। अधिकारियों के अनुसार ज्‍यादातर जगहों पर ग्रीनबेल्ट नाममात्र की बची है। इन पर इस समय झुग्गी बस्ती और कबाड़ियों का कब्जा हो चुका है। कहीं शराब की दुकानें तो कहीं पर खाने-पीने की दुकानें चल रही हैं। एनजीटी कई बार इन ग्रीनबेल्ट से अतिक्रमण के सफाए के आदेश दे चुकी है, लेकिन इन पर अभी तक अमल नहीं किया गया है।

ऐसे करेंगे ग्रीनबेल्ट विकसित

इस प्रोजेक्‍ट में एफएमडीए बागवानी, पौधारोपण न नर्सरी पर 20 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इसके अलावा 10 करोड़ रुपये ग्रीनबेल्ट से अतिक्रमण हटाने और तारफेंसिग में खर्च होंगे। इनके रखरखाव और ग्रीनबेल्ट, पार्क व फव्वारे विकसित करने में 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं पार्क व ग्रीनबेल्ट में सामान्य काम के लिए पांच करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसी तरह ग्रीनबेल्ट व पार्क तक सीवर का साफ पानी पहुंचाने के लिए एक करोड़ खर्च होगा। एफएमडीए के मुख्‍य अभियंता एनडी वशिष्‍ठ ने बताया कि इसके अलावा अन्य कई प्रकार की गतिविधियों में भी करीब तीन करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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