Faridabad News: कोर्ट केस को बाहर ही सुलझाने का मौका, 13 अगस्‍त को यहां लगेगी राष्ट्रीय लोक अदालत

Faridabad News: अदालत के अंदर काफी समय से लंबित मुकदमों के शीघ्र निस्तारण के लिए 13 अगस्‍त को जिला अदालत में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसमें एनआईएक्ट, फौजदारी, बैंक लोन से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेंट, रेवेन्यू, वैवाहिक विवाद जैसे मामलों का निपटारा किया जाएगा।

National Lok Adalat
जिला अदालत में 13 अगस्त को लगेगी लोक अदालत  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • जिला अदालत में 13 अगस्‍त को आयोजित होगा लोक अदालत
  • दोनों पक्षों की आपसी सहमति से किया जाएगा मामलों का निपटारा
  • लोगों को नहीं लगाने पड़ेगे अदालत के चक्‍कर, पैसे और समय की बचत

Faridabad News: फरीदाबाद की जिला अदालत में लंबित मुकदमों को दोनों पक्षों के आपसी राजीनामे से शीघ्र निस्तारण के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। यह लोक अदालत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से 13 अगस्‍त को आयोजित होगा। इसमें वादकारी उपरोक्त अदालत में सुलह समझौते के लिए स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपने केसों का निस्तारण करा सकते हैं।

यह जानकारी देते हुए जाएगा। सीजेएम कम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुकिर्ती गोयल ने बताया कि, इस लोक अदालत के अंदर न्यायालय में लंबे समय से लंबित मामलों को परस्पर सहयोग व सौहार्दपूर्ण माध्यम से निपटारा किया जाएगा। यदि किसी व्यक्ति या समूह का कोई मामला न्यायालय में काफी समय से लंबित है, तो वह इस लोक अदालत के माध्यम से उसका आसानी से निस्तारण करा सकता है।

इन मामलों की होगी सुनवाई

प्राधिकरण सचिव ने बताया कि, इस लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामे से ही विवाद का निपटारा किया जाएगा। इसका उद्देश्‍य लोगों को शीघ्र व सुलभ न्याय देना है। इसमें जिन मामलों का निपटारा होता है, उसकी कोई अपील नहीं होती है। यहां पर किसी भी मामले का अंतिम रूप से निपटारा होता है। यह लोक अदालत उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्‍हें छोटे-छोटे मामलों के कारण अदालत के चक्‍कर लगाने पड़ते हैं। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में एनआईएक्ट, फौजदारी, बैंक लोन से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेंट, रेवेन्यू, वैवाहिक विवाद जैसे मामलों का निपटारा किया जाएगा।

नहीं हो सकेगी फैसले के खिलाफ अपील दायर

प्राधिकरण की सचिव सुकिर्ती गोयल ने बताया कि, लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है, जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है। लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं की जा सकती। लोगों को इन राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से लोगों का बिना समय व पैसा गवाएं केसों का समाधान किया जाता है। लोक अदालतों में होने वाली सुनवाई में ना तो किसी पक्ष की हार होती है और ना ही जीत। दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवाद को खत्‍म किया जाता है।

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