Faridabad Health News: मानसून की पहली बारिश के बाद हुए जलभराव के बाद मच्छर जनित बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग कमर कस ली है। बारिश के बाद पार्कों, खाली प्लॉट, सड़कों, ग्रीन बेल्ट और यमुना के किनारे बसे गांवों में पानी जमा हो गया है। जिससे इन जगहों पर अब डेंगू एवं मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के पैदा होने का खतरा भी बढ़ गया है। इस स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष अभियान शुरू किया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस अभियान के दौरान यमुना किनारे बसे गांवों पर विशेष फोकस किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभागीय अधिकारियों के अनुसार, बारिश होने के बाद अब डेंगू और मलेरिया के मामलों के बढ़ाने की आशंका अधिक हो गई है। फील्ड वर्कर्स को उन सभी जगहों पर टैमीफोस और काला तेल छिड़कने के निर्देश दिए हैं, जहां पर वर्षा का पानी ठहरा हुआ है। जिससे इन जगहों पर मच्छरों की ब्रीडिंग को समय रहते कंट्रोल किया जा सके। यह कार्य इस सप्ताह पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए शहर के अलावा गांवों में भी कई टीमों को तैयान किया गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की कई टीमें घर-घर जाकर जांच कर लोगों को जागरूक कर रही हैं।
उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामभगत ने बताया कि, बारिश के बाद लगभग सभी क्षेत्रों में डेंगू-मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन कुछ ऐसे इलाकें भी जहां पर सबसे ज्यादा खतरा है। इनमें यमुना नदी के किनारे बसे गांव शामिल हैं, इन्हें रेड जोन में शामिल किया गया है। यमुना नदी किनारे बसे गांव चांदपुर, अरुआ, ददसिया, फज्जूपुर, मोहना, छांयसा, शाहूपुरा खादर, किड़ावली, लालपुर और मंझावली में डेंगू-मलेरिया के मामले आने की अधिक आशंका रहती है। इसलिए इन जगहों पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। एंटी लार्वा एक्टिविटी के दौरान ऐसी जगहों को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर जलभराव के बाद मच्छर पनप रहे हैं। इन जगहों की सूची बनाकर नगर निगम को सौंपी जाएगी। जिसके बाद इन क्षेत्रों में नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग की टीम मिलकर कार्य करेगी। निगम की टीम जहां इन गड्ढों को भरने में मदद करेगी, वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम मच्छर का लार्वा खत्म करेगी।