Ghaziabad Dengue Case: गाजियाबाद में डेंगू के केस में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यह बढ़ोतरी साल दर साल बढ़ती जा रही है, जिसने स्वास्थ्य विभाग को भी चिंता में डाल दिया है। इससे निपटने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है, विभाग की तरफ से डेंगू को लेकर 52 इलाकों को अतिसंवेदनशील घोषित कर दिया गया है। ये वो इलाके हैं, जहां पर पिछले वर्ष सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज मिले थे। विभाग को इस बार भी इन जगहों पर बीमारी फैलने की सबसे ज्यादा संभावना लग रही है, इसलिए इन्हें पहले ही अतिसंवेदनशील इलाकों की लिस्ट में डाल दिया गया है। अब विभाग की टीम यहां पर घर-घर जाकर सैंपलिंग करेगी।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा अतिसंवेदनशील घोषित किए गए इलाकों में शहरी और ग्रामीण दोनों तरह के क्षेत्र शामिल हैं। बता दें कि गाजियाबाद के अंदर पिछले वर्ष रिकॉर्ड 1238 डेंगू के मरीजों की पहचान की गई थी, वहीं इस बार भी अब तक 8 मामले स्वास्थ्य विभाग ने दर्ज किए, हालांकि बहुत सारे ऐसे केस भी होते हैं, जिन्हें स्वास्थ्य विभाग ट्रेस तक नहीं कर पाता। इस बार विभाग इस बीमारी के शुरुआती दौर में ही इससे निपटने की तैयारी कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिन इलाकों को डेंगू के लिए अतिसंवेदनशील घोषित किया गया उनमें क्रॉसिंग रिपब्लिक, भीमनगर, संजयनगर सेक्टर-23, राजनगर एक्सटेंशन, पंचवटी, इंदिरापुरम, वैशाली, हरसांव, करहैडा, अर्थला, महाराजपुर, सद्दीकनगर, विजयनगर, कनावनी, कोट गांव, वसुंधरा, कन्नौजा, डिडौली, मनौली, मोहननगर, नंगला अटौर, अतरौली, मेवला भट्टी, मानकी, और अन्य इलाके डासना, अगरौला, कलछीना, मयूर विहार, नाहल, कुशलिया, जलालाबाद, मकरैडा, कल्लूगढ़ी, घूकना, मोदीनगर, मुरादनगर, शास्त्रीनगर, विजयनगर, मेवला लोनी, गोविदपुरम, राजेंद्र नगर, डासना, विवेकानंदनगर, नेहरूनगर, पीले क्वार्टर, लोहियानगर, हरबंशनगर, असालतनगर, शालीमार गार्डन और महेंद्रा एंक्लेव शामिल हैं।
संचारी रोग नियंत्रण के प्रभारी डॉ. आरके गुप्ता ने कहा कि इस रोग का पनपना जून के महीने से शुरू होता है और मानसून के महीने में यह अपना चरम प्रकोप दिखाता है। इससे निपटने के लिए विभाग की टीम इन इलाकों में घर-घर जाकर लोगों की सैंपलिंग करेगी। साथ ही साफ-सफाई के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। विभाग का यह अभियान इसी सप्ताह से शुरू हो जाएगा।