Gurugram Police: केएमपी पर कारोबारी के साथ हुए लूट और हत्या के ब्लाइंड मामले को गुरुग्राम पुलिस ने सुलझाते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों बदमाश आईएमटी मानेसर में किराये पर रहते थे और पास की एक कंपनी में काम करते थे। कंपनी से छुट्टी होने पर एक्सप्रेसवे और आसपास के इलाकों में रोड किनारे गाड़ी खड़ी कर बात या टॉइलट करने वालों से लूटपाट करते थे। एसीपी क्राइम प्रीतपाल सिंह ने बताया कि, तीनों बदमाशों को कोर्ट में पेश कर 4 दिनों के रिमांड पर लिया गया है। अब इनसे पूछताछ कर पूरे वारदात का पता लगाया जाएगा।
बता दें कि, पानीपत के सींक गांव के मूल निवासी 22 साल के आशीष परिवार के साथ बिलासपुर के खरकड़ी गांव में रहते थे। यहां वे अपने पिता के साथ किराने की दुकान संभालते थे। आशीष दुकान के काम से 21 मई को कहीं गए थे। रात करीब सवा 10 बजे वे केएमपी एक्सप्रेसवे से लौट रहे थे, तभी रास्ते में बदमाशों ने उनकी गाड़ी रुकवा कर बदमाशों ने चाकू से हमला कर दिया। बदमाशों ने जब आशीष पर हमला किया तो वो अपनी पत्नी से बात कर रहे थे, आशीष की चीख सुनकर उनकी पत्नी ने तुरंत इसकी जानकारी अपने ससुर सुल्तान और जेठ अजय को दी। जिसके बाद आशीष को ढूंढने निकले परिजनों को आशीष का शव केएमपी के पास झाड़ियों में मिला था।
घटना की जानकारी मिलने के बाद आईएमटी मानेसर थाने में लूट और हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी थी। पुलिस के अनुसार, यह केस पूरी तरह से ब्लाइंड था। कहीं से कुछ सुराग नहीं मिल रहा था। लेकिन, कुछ सीसीटीवी फुटेज और लूट के मोबाइल से अहम सुराग मिला। लुटेरों ने आशीष से लूटे मोबाइल को एक्टिव कर दिया, जिससे पुलिस उस मोबाइल को ट्रैक करते हुए आरोपियों तक पहुंच गई और फिर यूपी के कासगंज के रहने वाले हत्यारोपी अनुभव, हाथरस की रामनगर कॉलोनी निवासी विजय आर्य और शराफान कॉलोनी निवासी रवि को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का मानना है कि ये आरोपी अब तक केएमपी पर कई वारदात को अंजाम दे चुके हैं, इनसे पूछताछ में अन्य मामलों का भी खुलासा हो सकता है।