Ghaziabad: गाजियाबाद में एक कारोबारी के साथ बैंक द्वारा फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। शहर के वसुंधरा के रहने वाले गारमेंट फर्म संचालक विकास त्यागी ने नोएडा स्थित निजी बैंक से व्यवसाय के लिए 45 लाख रुपये का ऋण लिया था। इस लोन के बदले बैंक के अफसरों ने व्यवसायी को 1.90 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस थमा दिया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर तय समय में यह लोन चुकता नहीं किया तो लोन के बदले बंधक रखी गई जमीन को बैंक द्वारा कब्जे में ले लिया जाएगा।
यह नोटिस मिलने के बाद हैरान व्यवसासी ने जब अपने स्तर पर जांच की तो पता चला कि बैंककर्मियों न लोन के कागजातों में हेरफेर कर 45 लाख रुपये लोन की जगह उसे 1.90 करोड़ बना दिया था। जिसके बाद व्यवसायी विकास ने इंदिरापुरम थाने में बैंक अफसरों के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया। विकास का कहना है कि, बैंककर्मियों ने दस्तावेज में हेराफेरी कर उनके ही एक जानकार को उनके नाम पर 1.40 करोड़ का लोन दे दिया और उसे में मेरे लोन में जोड़ दिया गया। जिस व्यक्ति को यह लोन दिया गया, वह विकास के लोन में गारंटर बने थे।
पुलिस को दी शिकायत में विकास ने बताया कि, उन्होंने 2017 में गारमेंट फर्म खोलने के लिए ऋण लिया था। इस लोन की किस्त के रूप में उन्होंने अब तक लगभग 15 लाख रुपये चुका भी दिए हैं। विकास ने बताया कि, इसी बैंक से 2019 में उनके एक जानकार ने 1.40 करोड़ का लोन लिया। बैंकर्मियों ने कागजों में हेरफेर कर उसका लोन में मेरे लोन में जोड़ कर मुझे 1.90 करोड़ रुपये लोन रिकवरी का नोटिस भेज दिया। विकास ने शिकायत में आरोप लगाया कि लोन लेने वाला उसका जानकार वैशाली का रहने वाला है और उसकी बैंक अफसरों के साथ सांठगांठ है। जिसके कारण यह पूरा खेल खेला गया।
इंदिरापुरम के थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि, इस मामले में जांच की गई, जिसमें जालसाजी, धोखाधड़ी और विश्वास तोड़ने का पता चला, जिसके बाद इन धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इसमें 2019 में तैनात रहे बैंक अफसर आरोपी बताए गए हैं। पूरे मामले की जांच पड़ताल के बाद बैंक के तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।