Ghaziabad MC: निगम बैठक में नए पार्किंग सिस्टम हुआ कैंसिल, अब संपत्ति पर जनवरी तक मिलेगा छूट का लाभ

Ghaziabad MC: गाजियाबाद नगर निगम बोर्ड की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। बोर्ड ने गाजियाबाद स्मार्ट इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट पार्किंग सिस्टम का निर्माण कार्य कराए जाने के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है। अब पहले की तरह ही जोनवार पार्किंग सिस्टम चलाया जाएगा। वहीं अब शहर के अंदर टॉवर लगवाने के लिए निगम से लाइसेंस लेना जरूरी हो गया है।

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गाजियाबाद स्मार्ट इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट पार्किग सिस्टम कैंसिल   |  तस्वीर साभार: फेसबुक
मुख्य बातें
  • बोर्ड ने निरस्‍त किया गाजियाबाद स्मार्ट इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट पार्किंग सिस्टम
  • शहर के अंदर टॉवर लगवाने से पहले अब निगम से लेना होगा लाइसेंस
  • शहरवासी संपत्तिकर जमा करने पर अब जनवरी तक उठा सकते हैं छूट का लाभ

Ghaziabad MC: गाजियाबाद नगर निगम की आय बढ़ाने और शहर में विकास कार्य कराने को लेकर आयोजित बोर्ड बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए है। इस बैठक में 18 प्रस्ताव पेश किए गए, इनमें से 16 प्रस्ताव को सदन ने पास कर दिया है। वहीं एक प्रस्ताव को निरस्त और एक प्रस्ताव को अगली बोर्ड बैठक के लिए टाल दिया गया है। निरस्‍त होने वाला प्रस्‍ताव शहर के लोगों को राहत देने वाला है। बोर्ड ने इस बैठक में गाजियाबाद स्मार्ट इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट पार्किंग सिस्टम का निर्माण कार्य कराए जाने के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है।

बता दें कि अगर यह प्रस्‍ताव पास हो जाता तो जिले के अंदर सभी वाहन पार्किंग एक ही कंपनी को मिल जाता और पार्किंग रेट करीब पांच गुना महंगा हो जाता। वाहन चालकों से हर घंटे के हिसाब से शुल्‍क की वसूली की जाती। इस आशंका को देखते हुए सदन ने कहा कि एक व्यक्ति को ही शहर में पार्किंग का ठेका मिला तो कार्य ठीक तरीके से नहीं किया जाएगा।

जोनवार पार्किंग सिस्टम चलाने को मंजूरी

इसका साफ उदाहरण सीवर का कार्य है, जिसे एक कंपनी को दिए जाने के कारण परेशानी हो रही है। साथ ही स्मार्ट पार्किंग सिस्टम लागू होने पर ठेकेदार को बिना पार्किंग में खड़ी कार के टो करने की इजाजत मिल जाएगी। इससे वाहन स्वामी से जबरन जुर्माना वसूलने की घटना बढ़ेगी और विवाद उत्पन्न होगा। इसलिए सदन ने इस प्रस्ताव को निरस्त कर पहले की तरह जोनवार पार्किंग सिस्टम चलाने की मंजूरी दी।

टॉवर लगाने समेत इन कार्यों के लिए लाइसेंस लेना अनिर्वाय

निगम बोर्ड की इस बैठक में एक अहम फैसला यह भी लिया गया कि शहर में अब टावर लगाने के लिए निगम से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। इसके अलावा केबल ऑपरेटर को इंटरनेट कनेक्शन प्रोवाइडर द्वारा सड़क पर लगे विद्युत पोल का इस्तेमाल करने के लिए भी नगर निगम से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। वहीं अब संपत्ति करदाताओं को संपत्तिकर जमा करने पर मिलने वाली छूट जनवरी तक दी जाएगी। सितंबर माह तक संपत्तिकर जमा करने पर 20 प्रतिशत, नवंबर तक 10 प्रतिशत और जनवरी तक पांच प्रतिशत छूट दी जाएगी।

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