गाजियाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में पैदा होने वाले कमजोर, बीमार और प्रीमेच्योर बच्चों के इलाज के लिए माता-पिता को अब बड़े शहर की तरफ नहीं भागना पड़ेगा। अब जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी नवजात बच्चों को सघन चिकित्सा देने के लिए नर्सरी बनाई जाएंगी। यह घोषणा जिला स्वास्थ्य विभाग ने की है। गाजियाबाद सीएमओ डॉ.भवतोष शंखधर ने बताया कि, राज्य सरकारी तरफ से चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मदर एंड न्यूबार्न बेबी केयर (एमएनसीयू) यूनिट बनाने की मंजूरी मिल गई है।
ये एमएनसीयू सीएचसी लोनी, डासना, मुरादनगर और मोदीनगर के अलावा पीएचसी भोजपुर में बनाए जाएंगे। एमएनसीयू निर्माण की प्रक्रिया अगले माह से शुरू हो जाएगा। वहीं इनमें बाल रोग विशेषज्ञों की तैनाती के लिए स्वास्थ्य विभाग ने चयन प्रक्रिया तेज कर दी है। सीएमओ डॉ.भवतोष शंखधर ने कहा कि, सोमवार को नर्सरी बनाने के लिए सीएचसी व पीएचसी का निरीक्षण किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इन एमएनसीयू में अत्याधुनिक मेडिकल उपकरण लगाए जाएंगे। इनमें कंगारू मदर केयर, फोटोथैरेपी, टीवी और बेड पर ऑक्सीजन की आपूर्ति का पूरा इंतजाम होगा। साथ ही डाइनिग एरिया और परामर्श कक्ष भी अलग से बनाया जाएगा। इन नर्सरी का संचालन और तकनीकी निगरानी के लिए एक एनजीओ के साथ अनुबंध किया जाएगा। गांवों में कमजोर बच्चे अधिक पैदा होते हैं, इस बात को ध्यान में रखकर सभी सुविधाएं दी जाएंगी।
वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में बीमारियों को लेकर सर्वे में जुटे सभी 78 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग लैपटॉप भी देने जा रहा है। इसकी मदद से टेलीमेडिसन के साथ ही सीएचओ एक-एक मरीज का पूरा ब्यौरा तुरंत बना सकेंगे। इसके अलावा गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने के क्रम में जल्द ही कुछ सीएचसी और पीएचसी पर पथरी, हर्निया, हड्डी,रसोली और मोतियाबिंद का आपरेशन भी शुरू किया जाएगा।