Ghaziabad Crime News: 200 से ज्यादा फर्जी लोन लेकर की ठगी, पुलिस ने गिरोह के चार लोगों को किया गिरफ्तार

Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद पुलिस ने फर्जी लोन लेकर लोगों को ठगने वाले एक गिरोह को गिरफ्तार किया है। गिरोह छह साल में 200 से ज्यादा फर्जी लोन ले चुका है। गिरोह ने फर्जी संपत्ति पर लगभग 40 लोन और क्रेडिट कार्ड के जरिए 160 से ज्यादा लोन लिए हुए हैं।

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फर्जी लोन लेने वाले गिरोह का पुलिस ने किया भंडाफोड़  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • फर्जी लोन लेकर लोगों को ठगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़
  • 200 से ज्यादा फर्जी लोन लेकर ठगी की घटना को अंजाम दिया
  • गिरोह गाजियाबाद के लाजपत नगर में फर्जी दफ्तर चला रहा था

Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने फर्जी लोन लेकर लोगों को ठगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया है कि आरोपी गिरोह छह साल में 200 से ज्यादा फर्जी लोन लेकर ठगी की घटना को अंजाम दे चुका है। यह गिरोह गाजियाबाद के लाजपत नगर में फर्जी दफ्तर चला रहा है। 

पुलिस ने बताया है कि घटना का खुलासा तब हुआ जब एक महिला को उसके दस्तावेजों पर लोन लेने का पता चला और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मुताबिक गिरोह के सदस्यों ने फर्जी संपत्ति पर लगभग 40 लोन और क्रेडिट कार्ड के जरिए 160 से ज्यादा लोन लिए हुए हैं।

कई आधार कार्ड से लेकर पावर ऑफ अटॉर्नी की मिली कॉपी

आरोपियों की पहचान रवि निवासी शालीमार गार्डन एक्सटेंशन दो साहिबाबाद, मोहन नगर नागद्वार रोड से योगेंद्र निवासी गांव साहिबाबाद, दर्शन निवासी नायफल थाना मसूरी गाजियाबाद और दीपक निवासी ओखला फेस दो दिल्ली के रूप में हुई है। साहिबाबाद सीओ स्वतंत्र कुमार ने जानकारी देते हुए कहा है कि पुलिस को इन चारों के पास से आठ पैन कार्ड, नौ आधार कार्ड, 23 वोटर आईडी कार्ड, पांच मोबाइल फोन, तीन रजिस्ट्री की कॉपी, सात एटीएम कार्ड, दो लोन सेशन लेटर, सात पासबुक, दो पावर ऑफ अटॉर्नी की कॉपी,253 डाटा पेपर शीट, छह बैंक नोटिस, छह चेकबुक, दो डायरी और एक उपस्थिति रजिस्टर मिला है।

इस तरह अपने काम में माहिर थे शातिर

थाना प्रभारी ने बताया है कि बिहार का रहने वाला रवि इस फर्जी लोन देने वाले गिरोह का सरगना है। रवि करीब 20 साल से लाजपत नगर में अपना फर्जी ऑफिस चला रहा था। पुलिस ने बताया है कि आरोपी रवि ने पहली बार साल 2016 में फर्जी दस्तावेजों से अपना पहला लोन लिया था। वहीं फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी बनाने में दिल्ली का आशीष उसकी मदद करता  था। गिरोह में दिल्ली का रहने वाला दीपक क्रेडिट कार्ड से लोन लेने में माहिर है। इसके अलावा रवि और योगेंद्र नकली पैन व आधार कार्ड बनाने में माहिर हैं। कंप्यूटर और प्रिंटर से वह कुछ घंटों में आधार व पैन कार्ड तैयार कर देते हैं।

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