Ghaziabad News: दिल्ली से सटे भोवापुर इलाके में चोरी के दोपहिया वाहनों के काटे जाने का खुलासा होने के बाद से ही गाजियाबाद पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है। चोरी के इन वाहनों को ऐसे बेचा जा रहा था कि मालिक खुद उन्हें देखकर अपना वाहन नहीं पहचान पाए। हालांकि ये गिरोह पुलिस की नजरों से ज्यादा दिनों तक नहीं छिप पाया और आखिरकार इस गिरोह का खुलासा होने के बाद पुलिस गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है। वहीं कौसांबी थाने में तैनात पुलिस कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच होगी।
दरअसल, क्षेत्र में इतने लंबे समय से चलने वाले इस संगठित अपराध की जानकारी न होने की वजह से गाजियाबाद पुलिस पर सवाल उठ रहे थे। जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज ने पुलिस क्षेत्राधिकारी इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्र को स्थानीय पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
बता दें कि कौशांबी थाना पुलिस ने भोवापुर में मेरठ के सोतीगंज की तर्ज पर चल रहे चोरी के दोपहिया वाहनों को काटकर कल-पुर्जे खपाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। यह खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने रुटीन चैकिंग के दौरान वाहनों के कल-पुर्जे से भरे वाहन को पकड़ा। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए अब तक गिरोह के मास्टर माइंड सहित पांच आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। वहीं दो अन्य आरोपी व इस अवैध कार्य के लिए आरोपितों को किराए पर गोदाम देने वाला अभी फरार है। पुलिस ने मौके से सात चोरी के वाहन और सैकड़ों वाहनों के कल-पुर्जे बरामद किए।
पुलिस जांच में पता चला है कि इस जगह पर पिछले छह माह से वाहनों को काटने का कार्य चल रहा था, लेकिन पुलिस को इसका पता तक नहीं चल पाया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो इस गोदाम में अब तक चोरी के करीब 120 वाहन काट चुके हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज ने बताया कि यह बेहद लापरवाही का मामला है। इसलिए स्थानीय पुलिस चौकी प्रभारी और बीट कांस्टेबल की भूमिका की जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच पूरी होने के बाद जिम्मेदार पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।