Ghaziabad: चोरी का ट्रक-टैंकर के इंजन-चेसिस नंबर फाइनेंस कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 7 गिरफ्तार

Ghaziabad Crime News: दिल्ली-एनसीआर से ट्रक और टैंकर की चोरी करने वाले एक गिरोह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह गिरोह चोरी के वाहनों को काटकर उसके पार्ट्स को फाइनेंस करके बेचता था। साहिबाबाद पुलिस ने इस गिरोह के सात शातिर चोरों को पकड़ा है।

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गाजियाबाद में ट्रक और टैंकर चोरी करने वाला गिरोह पकड़ा गया  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • ट्रक और टैंकर की चोरी करने वाले एक गिरोह गिरफ्तार
  • गिरोह चोरी के वाहनों को काटकर उसके पार्ट्स को फाइनेंस करके बेचता था
  • पुलिस ने इस गिरोह के सात शातिर चोरों को पकड़ा

Ghaziabad Crime News: पुलिस ने एक शातिर गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो दिल्ली-एनसीआर से ट्रक और टैंकर चोरी कर उनके पार्ट्स को फाइनेंस करके बेचते थे। पुलिस ने बताया है कि गिरोह ट्रक और टैंकर को चोरी कर नजफगढ़ के गोदाम में ले जाते थे। जहां वह वाहनों को काटते और उनके इंजन-चेसिस नंबर बदलकर फर्जी कागजों पर फाइनेंस कराकर बेचते रहते थे। साहिबाबाद पुलिस ने इस गिरोह के सात शातिर चोरों को पकड़ा है। 

पुलिस को गिरोह के पास से दो तमंचे, दो गैस सिलेंडर, दो चाकू, गैस कटर और कटे हुए वाहनों के पुर्जे के साथ एक ट्रक बरामद किया है। हालांकि इस गिरोह का सरगना सलीम खान सहित अन्य पांच चोर फरार है। पुलिस टीम उनकी तलाश में लग गई है। 

गिरोह पिछले 12 सालों से है सक्रिय

पुलिस ने बताया है कि चोरों के इस शातिर गिरोह का संपर्क मणिपुर, नागालैंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश तक फैला हुआ है। आरोपियों की पहचान अमित, शहनवाज, रवि कुमार, विनोद, जावेद, मोनू, और सन्नी के तौर पर हुई है। मामले पर एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने जानकारी दी है कि गिरोह पिछले 12 सालों से सक्रिय है, जिसके सदस्य अलग-अलग राज्यों में मौजूद हैं। यह सभी 400 से 500 ट्रक और टैंकर चोर कर चुके हैं।

गिरोह में शामिल हर सदस्य का काम बंटा हुए था

एसपी सिटी ने बताया है कि गिरोह में शामिल हर सदस्य का काम बंटा हुआ है। पूछताछ में पता चला है कि रवि चोरी किए हुए वाहनों को रिसीव कर नजफगढ़ में मौजूद बिन्नी लाल के गोदाम में पहुंचाता था। वहीं अमित वाहनों को गोदाम में कटवाने का काम करता था। वहीं जावेद और विनोद चोरी के वाहनों के इंजन व चेचिस नंबर बदलने का काम करता था। शाहनवाज चोरी के वाहनों की नागालैंड और मणिपुर में व्हाट्सएप पर तस्वीरें भेजकर एनओसी बनवाता था। इसके बाद फिर हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के आरटीओ ऑफिस से सांठगांठ कर चोरी के वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवा लेते थे। 

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