Ghaziabad Ropeway News: रैपिड रेल के बाद अब गाजियाबाद में चलेगी रोप-वे, प्रोजेक्ट पर लगी मोहर, ये होगा रूट

Ghaziabad Ropeway News: गाजियाबाद में अब महानगर के रहने वाले लोगों को एक सौगात मिलने वाली है। जल्द ही वैशाली से मोहननगर रूट पर रोपवे सुविधा शुरू होने वाली है। इसको लेकर बहुत जल्द काम शुरू कर दिया जाएगा।

Ghaziabad Ropeway News
गाजियाबाद रोपवे प्रोजेक्ट  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • गाजियाबाद में जल्द रैपिड रेल शुरू होने वाली है
  • वैशाली से मोहननगर रूट पर रोपवे सुविधा
  • एनएचएलएमएल ने अपना जमीनी सर्वे पूरा कर लिया है

Ghaziabad Ropeway News: गाजियाबाद में जल्द रैपिड रेल शुरू होने वाली है। इन दिनों इसका निर्माण कार्य भी जोरों पर चल रहा है, जिसे जल्द से जल्द खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं अब महानगर के रहने वाले लोगों को एक सौगात मिलने वाली है। जल्द ही वैशाली से मोहननगर रूट पर रोपवे सुविधा शुरू होने वाली है। इसको लेकर बहुत जल्द काम शुरू कर दिया जाएगा।  

इस रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर शहर के डीएम राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक मीटिंग के बाद चार सदस्यों की कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी ने रोपवे प्रोजेक्ट पर अपनी मुहर लगा दी है। इस प्रोजेक्ट को एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) चयनित करेगी।

एनएचएलएमएल ने अपना जमीनी सर्वे पूरा किया

एनएचएआई की स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) ने जीडीए से रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर डिटेल रिपोर्ट मांगी है। वैशाली से मोहननगर रूट का एनएचएलएमएल ने अपना जमीनी सर्वे पूरा कर लिया है। इस सर्वे में रोपवे रूट पर यात्रियों की संख्या और निर्माण संबंधी संभावनाओं की जांच हो चुकी है। डीएम की ओर से बनाई गई कमेटी को रूट की मंजूरी मिलने के बाद रोपवे प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

रोपवे प्रोजेक्ट की लागत मेट्रो निर्माण से चार गुना कम

वैशाली से मोहननगर के अलावा रोपवे का रूट राजनगर एक्सटेंशन चौराहे से हिंडन रिवर मेट्रो स्टेशन, वैशाली मेट्रो स्टेशन से सेक्टर-62 नोएडा मेट्रो स्टेशन और नया बस अड्डा मेट्रो से गाजियाबाद रेलवे स्टेशन तय किया गया है, लेकिन अभी कमेटी को वैशाली से मोहननगर रूट पर किसी तरह की बाधा का सामना नहीं करना पड़ा रहा है। ऐसे में यहां सबसे पहले काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए डीपीआर तैयार हो चुकी है और एनएचएलएमएल ने भी अपनी सहमति दे दी है। गौरतलब है कि रोपवे प्रोजेक्ट की लागत मेट्रो निर्माण से चार गुना कम है। ऐसे में प्राधिकरण प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है। वहीं अलग-अलग सोसायटियों के कुछ लोग रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ हैं। 

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