Ghaziabad School Counselling: गाजियाबाद में ऑफलाइन क्लास शुरू, नए सत्र में बच्चों की होगी काउंसलिंग

Ghaziabad School Counselling: गाजियाबाद में स्कूलों में अब ऑफलाइन क्लास चलेंगी। बच्चे स्कूल जाकर पढ़ाई करेंगे। इन बच्चों को अब स्कूल में रहने के लिए अनुशासन सिखाया जाएगा। साथ ही बच्चों के लंबे समय से घर पर पढ़ाई करने के कारण अब स्कूल में आने पर होने वाली परेशानियों से निपटने के लिए काउंसलिंग की जाएगी।

Ghaziabad School Counselling
नए सत्र में बच्चों की होगी काउंसलिंग  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • गाजियाबाद में स्कूलों में अब ऑफलाइन क्लास
  • स्कूल में रहने के लिए अनुशासन सिखाया जाएगा
  • परेशानियों से निपटने के लिए काउंसलिंग की जाएगी

Ghaziabad School Counselling: पिछले दो साल से बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही थी। इस कारण उनके व्यवहार में कई तरह के बदलाव आए हैं। कुछ बच्चों को स्कूल के व्यवहारों की जानकारी नहीं है। ऐसे में अब ऑफलाइन क्लास शुरू होने के बाद बच्चों को की तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऑफलाइन कक्षाओं में स्कूलों को अनुशासन संबंधी चुनौतियों भी देखने को मिलेंगी। इसी के चलते स्कूलों ने छात्र-छात्राओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाने के साथ संवाद स्थापित कर उनकी दुविधाओं का समाधान करने की योजना तैयार की है। ऑफलाइन कक्षाएं शुरू होने के साथ विद्यार्थियों की शुरू हुई काउंसिलिंग नए सत्र में भी जारी रहेगी। 

ऑनलाइन कक्षाओं से पढ़ाई में आए अंतर को कम करने और विद्यार्थियों के बहुमुखी विकास के लिए हर स्कूल अपने स्तर पर योजना बना रहा है। सुधार संबंधी प्रक्रिया स्कूल और घर दोनों में जारी रहेगी। स्कूलों की ओर से अभिभावकों से नियमित संवाद किया जा रहा है। अभिभावक बच्चों के व्यवहार में आए परिवर्तन के बारे में पीटीएम में भी खुलकर बात कर रहे हैं। वहीं, स्कूल भी बच्चे में कक्षा में दिख रहे परिवर्तन की बात अभिभावकों से साझा कर रहे हैं। ऐसे में आगामी सत्र से एक-दूसरे से सुझावों पर अमल कर स्कूल और अभिभावक गंभीरता से काम करेंगे।

काउंसिलिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे
पढ़ाई को फिर से पटरी पर लाने की दिशा में स्कूलों का मंथन लगातार जारी है। बीते करीब एक माह के अंदर चली ऑफलाइन कक्षाओं के स्कूल एक निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि विद्यार्थियों से अधिक संवाद स्थापित किया जाए। संवाद के जरिए अधिकांश समस्याओं के समाधान पर स्कूलों का ध्यान केंद्रित है। इसमें आने वाले एक माह में नियमित रूप से छात्रों में सकारात्मक नजरिया विकसित करने के लिए काउंसिलिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे। दूसरी ओर पढ़ाई का दबाव बनाने की जगह बच्चों को खेल या फिर अन्य गतिविधियों के जरिए उनमें उत्साह का संचार किया जाएगा।

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