PNG Gas Use News: दिल्ली-एनसीआर में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि सरकार अपने स्तर पर इसको रोकने के लिए हर तरह का प्रयास कर रही हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के वायु प्रदूषण आयोग ने गाजियाबाद की कई फैक्ट्रियों को लकड़ी, कोयला और डीजल का इस्तेमाल करने पर नोटिस जारी किया है। साथ ही इन फैक्ट्रियों को 30 सितंबर तक लकड़ी, कोयला और डीजल के इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद करने को कहा है।
वायु प्रदूषण आयोग ने फैक्ट्री मालिकों को नोटिस भेज कहा है कि 30 सितंबर तक वह अपने यहां ईंधन के तौर पर लकड़ी, कोयला और डीजल का इस्तेमाल बंद कर पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) का इस्तेमाल करें, वरना उत्पादन बंद करें। यह नोटिस बॉयलर बनाने वाली 600 फैक्ट्रियों को भेजा गया है।
आयोग ने फैक्ट्री मालिकों को पीएनजी के विकल्प के तौर पर बायो-ब्रिकेट्स, राइज हक व मस्टर्ड हक जैसे जैविक ईंधन इस्तेमाल करने के भी सुझाव दिए हैं। इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) का कहना है कि लगातार वायु प्रदूषण से जहरीली होती हवा को सुधारने के लिए यह कदम उठाया गया है। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पीसीबी लगातार काम कर रहे है।
गौरतलब है कि पीसीबी प्रशासन के अधिकारी के साथ मिलकर उद्यमियों को पीएनजी का इस्तेमाल करने के लिए जागरूक कर रहे हैं, जिसका अच्छा असर भी देखने को मिला है। 400 फैक्ट्रियां डीजल छोड़ पीएनजी पर आ चुकी हैं, लेकिन कुल पंजीकृत 27 हजार फैक्ट्रियों के मुकाबले यह संख्या काफी ही कम नजर आती है। इसलिए पीएनजी का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए पीसीबी ने सबसे पहले बॉयलर फैक्टरियों नोटिस भेजा है। क्योंकि ऐसी कंपनियों से ज्यादा वायु प्रदूषण होता है।
वहीं पीसीबी का कहना है कि बॉयलर फैक्ट्रियों के बाद वह अन्य उत्पाद बनाने वाली फैक्ट्रियों को भी नोटिस भेजा जाएगा। इस पूरे मामले पर बात करते हुए पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने बताया है कि वायु प्रदूषण को देखते हुए साहिबाबाद, लोनी, मोहन नगर, कवि नगर और बुलंदशहर रोड की बॉयलर बनाने वाली फैक्ट्रियों को नोटिस जारी किया गया है। इसको लेकर 105 दिन बाद 30 सितंबर को चेकिंग कर रिपोर्ट दी जाएगी और चेक किया जाएगा कि यह फैक्टरियों पीएनजी पर शिफ्ट हुई या नहीं।