Ghaziabad News: पिछले दो साल से कोरोना के कारण फैली बेरोजगारी और आर्थिक तंगी का फायदा साइबर ठग खूब उठा रहे हैं। इस समय ऑनलाइन माध्यों से लोगों को ब्लैकमेल कर जमकर लूटा जा रहा है। सबसे ज्यादा ठगी उन लोगों के साथ हो रहा है, जो विभिन्न ऑनलाइन ऐप के माध्यम से लोन लेते हैं। इन ऐप के माध्यमों से लोगों को तत्काल कुछ हजार रुपये का लोन तो मिल जाता है, लेकिन इसके बाद शुरू होने वाला ब्लैकमेलिंग का खेल लोगों को पूरी तरह से बर्बाद कर रहा है।
गाजियाबाद के साइबर थाने में अब तक कई ऐसे केस आ चुके हैं, जिसमें लोन चुकाने के बाद भी साइबर ठग लोगों को ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने में लगे थे। पुलिस ने इन मामलों के कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन साइबर ठगी का जाल इतना बड़ा है कि, उसे तोड़ पाना पुलिस के लिए संभव नहीं है। इसलिए साइबर पुलिस अब लोगों को लोने देने वाले ऑनलाइन ऐप के प्रति जागरूक कर रही है।
गाजियाबाद साइबर पुलिस द्वारा जारी एडवाइजरी में बताया गया है कि, साइबर ठग ऑनलाइन लोन लेने वाले के फोन में सबसे पहले ऐप डाउनलोड कराते हैं। जिसके माध्यम से वे लोन लेने वाले के मोबाइल में मौजूद पूरे डाटा को हैक कर लेते हैं। इसके बाद वे पीड़ित के फोन बुक से नंबर व गैलरी से फोटो चोरी कर उन्हें एडिट कर अतिरिक्त पैसे देने के लिए दबाव डालते हैं। अगर कोई पैसे देने से इंकार कर देता है, तो उसके फोन में सेव नंबरों एडिट फोटो व अश्लील सामग्री भेजकर ब्लैकमेल करते हैं। हाल फिलहाल में ऐसे करीब दर्जन भर मामले सामने आए हैं।
साइबर क्राइम एवं ऑपरेशन के एडवाइजर ईशान सिन्हा ने बताया कि, सबसे पहले यह जान लें कि, कोई भी लोन ऐप आरबीआई के अंतर्गत नहीं आती है। ऐसे में लोन से संबंधित किसी भी तरह का ऐप डाउनलोड न करें यदि डाउनलोड करना भी है, तो मोबाइल में एंटी वायरस साफ्टवेयर डाउनलोड करें। ऐप में से कांटेक्ट, गैलरी, कैमरा समेत अन्य जरुरी एक्सेस डिसेबल कर दें। अगर बहुत ज्यादा जरूरी न हो तो ऑनलाइन लोन ले ही नहीं। क्योंकि यह फायदा से ज्यादा मुसीबत देगा।