Ghaziabad Crime: बीते माह 27 अप्रैल को वैशाली मेट्रो स्टेशन के पास कलेक्शन एजेंट से हुई लूट के मामले में गाजियाबाद पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस जांच में यह लूट ही फर्जी निकली। इस फर्जी लूट की साजिश कलेक्शन एजेंट साले ने अपने जीजा से बदला लेने के लिए रची थी। पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश करते हुए झूठी लूट की जानकारी देने वाले कलेक्शन एजेंट को गिरफ्तार कर लिया।
इस पूरे घटना की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि, नोएडा के सुनील कुमार ने 27 अप्रैल को पुलिस को सूचना दी थी कि, दो बाइक सवार लूटेरों ने वैशाली मेट्रो स्टेशन के सामने उससे 7.80 लाख रुपये लूट लिए। जिसके बाद इस मामले की जांच और अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस की छह टीमें लगाई गई। पुलिस जांच में यह मामला ही फर्जी निकला। कलेक्शन एजेंट ने अपने जीजा से बदला लेने के लिए यह साजिश रची थी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि, इस लूट के अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस की छह टीमों ने करीब पांच सौ सीसीटीवी कैमरों के रिकाॅर्ड चेक किए। इसके अलावा नाके लगाकर लोगों की तालाशी भी ली गई, लेकिन अपराधियों का पता नहीं चल सका। जिससे पुलिस का शक शिकायतकर्ता पर ही गहराने लगा। पुलिस ने जब शिकायतकर्ता सुनील से कड़ी पूछताछ की तो उसने पूरे मामले का खुलासा कर दिया।
पुलिस पूछताछ में सुनील ने बताया कि, कुछ माह पूर्व प्रसव के दौरान उसकी बहन की बच्चे सहित मौत हो गई थी। जिसके बाद उसके जीजा ने दूसरी शादी कर ली। सुनील इसका बदला लेना चाहता था। जिस कंपनी में सुनील कार्य करता था उसी में उसका जीजा भी कलेक्शन एजेंट था। उसने 27 अप्रैल को कंपनी में जमा कराने के लिए अपने जीजा द्वारा कलेक्शन किए गए पांच लाख रुपये ले लिए। साथ ही सुनील ने भी खुद दो लाख 68 हजार रुपये कलेक्ट किए थे। सारे रुपये एक बैग में रखकर उसने उसे अपने एक दोस्त को दे दिए। जिसके बाद उसने पुलिस को फोन कर लूट की सूचना दी। पुलिस ने सुनील के दोस्त के घर से पूरे रुपया बरामद कर लिया है। इस साजिश में उसके दोस्त की भूमिका नहीं पाई गई।