Gurugram News: गुरुग्राम के जिला कोर्ट ने हत्या के एक मामले में इकलौते चश्मदीद गवाह की मौत के बाद हत्यारोपी को सभी आरोपों से बरी कर दिया। अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने इसे दुखद बताया और कहा कि इस हत्या के मामले में आरोपित के खिलाफ कोई मजबूत साक्ष्य सामने नहीं मिला। ट्रायल के दौरान गवाह की मौत भी कोविड से हो गया। जिससे यह साबित नहीं हो रहा है कि आरोपित ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है। मामले की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वेद प्रकाश सिरोही ने कहा कि, केवल शक के आधार पर ही किसी को सजा नहीं दी जा सकती है, इसलिए आरोपित को रिहा किया जा रहा है।
बता दें कि गुरुग्राम पुलिस ने महावीर चौक स्थित दवा दुकान के पास से 26 अगस्त 2020 की सुबह एक व्यक्ति का शव बरामद किया था। जांच के दौरान शव की पहचान बबलू के तौर पर की गई थी। पूछताछ में बबलू के दोस्त गौरव ने पुलिस को बताया था कि, घटना वाली जगह पर ही बबलू और एक ओम प्रकाश फल विक्रेता रात में फुटपाथ पर सोते थे। गौरव ने ओम प्रकाश पर हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस को बताया था कि ओम प्रकाश ने ईंट से वार कर बबलू की जान ली थी। हालांकि सुनवाई के दौरान पिछले साल गौरव की कोविड से मौत हो गई।
पुलिस के चार्जशीट में गौरव की तरफ से दर्ज बयान में बताया गया है कि ओम प्रकाश नाम के फल विक्रेता ने बबलू से मार्च 2020 में ढाई हजार रुपये कर्ज लिए थे। पैसे लेने के बाद मार्च महीने में लगे लॉकडाउन के समय ओम प्रकाश लुधियाना स्थित अपने घर चला गया। वहां से वह अगस्त माह में लौटा। 23 अगस्त 2020 को पैसे को लेकर बबलू, ओम प्रकाश और गौरव के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। इस दौरान बबलू ने ओम प्रकाश को थप्पड़ मारा तो ओम प्रकाश ने पास में पड़ी ईंट उठाकर बबलू पर हमला करना चाहा लेकिन अन्य लोगों ने बीच-बचाव कर तत्काल मामला शांत करा दिया। इसके बाद 26 अगस्त को ईंट से कुचला हुआ बबलू का शव बरामद हुआ।