Gurugram Dirty Water: गुरुग्राम की एक निजी सोसायटी के हजारों लोग इन दिनों बूंद—बूंद पानी को तरस रहे हैं। ये लोग नगर निगम की लेटलतीफी के कारण परेशान हैं। लोगों का कहना है कि यहां नलों में इतना गंदा पानी आ रहा है कि उसे पीना तो दूर, लोग उससे हाथ तक नहीं धो सकते हैं। लोगों का आरोप है कि इस सोसायटी में यह समस्या आज की नहीं बल्कि वर्षों से है। लोग इस समस्या को लेकर कई बार सड़कों पर उतर चुके हैं।
सोमवार को एक बार फिर से सासायटी के सैकड़ों लोगों ने पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। दरअसल, इस सोसायटी में अभी तक नगर निगम की तरफ से पेयजल का कनेक्शन ही नहीं दिया गया है, जिसकी वजह से लोग भूजल का पानी इस्तेमाल कर रहे हैं। इस भूजल का टीडीएस 2500 से 3000 के बीच है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह पानी इतना दूषित है कि तीन माह के अंदर आरओ का फिल्टर बदलना पड़ जाता है। लोगों ने कहा कि नगर निगम ने तीन वर्षों की टालमटोल के बाद अब यहां पर पाइपलाइन डाली, लेकिन जीएमडीए ने पानी का कनेक्शन देने से मना कर दिया। वहीं जीएमडीए का कहना है कि बूस्टर स्टेशन बनेगा, तभी कनेक्शन देंगे। बता दें कि शहर के बजघेड़ा में करीब 25 एकड़ में यह साईं कुंज सोसायटी बनी हुई है। यहां पर करीब एक हजार परिवार रहते हैं। नगर निगम ने इस सोसयटी में पाइपलाइन डालने के लिए साल 2019 में टेंडर जारी किया था। लेकिन कोरोना संक्रमण शुरू होने की वजह से काम बीच में ही रुक गया। जिसके बाद अब जाकर पाइप का कार्य पूरा हुआ है। जब निवासियों ने जीएमडीए से कनेक्शन देने की मांग की तो अधिकारियों ने मना कर दिया गया। जीएमडीए ने कहा कि पानी का सीधा कनेक्शन मुख्य पाइपलाइन से देने की जगह यहां बूस्टिंग स्टेशन बनाया जाएगा। लोगों की परेशानी यह है कि अगर यहां पर बूस्टिंग स्टेशन बनेगा तो इसके लिए कम से कम 2 साल और दूषित पानी पीना पड़ेगा।
आरडब्ल्यूए के प्रेजिडेंट राकेश राणा ने कहा कि सोसायटी में पानी की स्थिति बेहद चिंताजनक है। जीएमडीए और नगर निगम में बीच आपसी तालमेल नहीं बन पा रहा है। यदि समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ तो लोग इस सोसायटी को छोड़कर जाने पर मजबूर हो जाएंगे। वहीं जीएमडीए के ईएक्सईएन अभिनव वर्मा ने कहा कि नगर निगम ने पानी कनेक्शन के लिए आवेदन किया है, लेकिन बूस्टिंग स्टेशन नहीं बनाया है। लोगों की समस्या और जनहित को देखते हुए यहां कनेक्शन देने को तैयार हूं। हालांकि इसके पहले निगम को कुछ तकनीकी शर्तों का पालन करना होगा। इसके बाद कनेक्शन दे दिया जाएगा।