Gurugram Expressway: साइबर सिटी गुरुग्राम को एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है। गुरुग्राम और राजधानी दिल्ली को जोड़ने के लिए गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे (एनएच-आठ) पर शिव मूर्ति चौराहे से दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में स्थित नेल्सन मंडेला रोड तक देश का सबसे चौड़ा सुरंग मार्ग बनने जा रहा है। इस सुरंग का एक हिस्सा जाने और दूसरा हिस्सा वाहनों के आने के लिए होगा। करीब पांच किलोमीटर लंबी इस पूरी परियोजना का चार किलोमीटर हिस्सा सुरंग का होगा। इसके बनने के बाद जहां गुरुग्राम और वसंत कुंज के बीच की दूरी कम हो जाएगी, वहीं इससे लोगों को जाम से राहत मिलेगी। इसके अलावा लोगों का नई दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल-तीन तक जाना भी काफी आसान हो जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस पूरी योजना की रूपरेखा तैयार कर ली है। एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार, इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब दो हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी, वहीं इस सुरंग के बनने में करीब चार साल का वक्त लगेगा। इस प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू करने के लिए अगस्त माह में इसका टेंडर निकाला जाएगा, जिसके बाद इसे वर्ष 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा।
एनएचएआई के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस सुरंग का व्यास 13.8 मीटर होगा, जो देश में अभी तक बनाई गई किसी भी सुरंग से ज्यादा है। सुरंग की खुदाई टनल बोरिग मशीन (टीबीएम) से की जाएगी। इस सुरंग में विद्युत, वायु संचालन और आग से सुरक्षा के लिए हाईटेक उपकरणों का प्रयोग किया जाएगा। इस सुरंग के दोनों हिस्सों में तीन-तीन लेन यातायात के लिए और एक-एक लेन इमरजेंसी के लिए होगा। सड़क पर प्रत्येक 500 पर क्रॉस पैसेज होगा, जिसके जरिये वाहन चालक सुरंग के एक हिस्से से दूसरी तरफ जा सकेंगे। इसी तरह हर 750 मीटर पर वाहनों के ठहरने के लिए जगह बनाई जाएगी, जिसे ले-बाई कहा जाता है।
इस सुरंग में दिल्ली से गुरुग्राम की ओर जाने वाले लोग एक्सप्रेसवे में शामिल होने के लिए सुरंग से बाएं मुड़ेंगे, जबकि दाएं मुड़कर लोग एयरपोर्ट टर्मिनल-तीन की ओर जा सकेंगे। इस सुरंग से यातायात को द्वारका एक्सप्रेसवे पर जाने का रास्ता भी दिया जाएगा, जिससे लोग मानेसर या चंडीगढ़ की ओर जा सकेंगे। एनएचएआई के अनुसार, इस सुरंग को बनाने का मुख्य लक्ष्य गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक दबाव को कम करना है। यह सुरंग गुरुग्राम और दिल्ली के बीच एक तरह से बाईपास का काम करेगी, जिससे सुबह और शाम को व्यस्त समय में एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव कम होगा।