Kashi Vishwanath Mandir: निर्जला एकादशी पर होगा "बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक",11 श्रद्धालुओं को मिली अनुमति

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रवि वैश्य
Updated Jun 01, 2020 | 08:41 IST

Jalabhishek of Baba Vishwanath after 72 days in Varanasi: बाबा विश्वनाथ के भक्त निर्जला एकादशी यानि 2 जून को उनका जलाभिषेक कर सकेंगे, इसके लिए केवल 11 श्रद्धालुओं व चार डमरू वादकों को मंदिर में प्रवेश मिलेगा।

Kashi Vishwanath Temple Varanasi
प्रशासन ने यात्रा में शामिल 4 डमरू वादकों व 11 श्रद्धालुओं को प्रवेश कराने का निर्देश दिया है 
मुख्य बातें
  • 2 जून यानि निर्जला एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक की अनुमति मिली
  • आमजन नहीं बल्कि सिर्फ 11 श्रद्धालुओं व चार डमरू वादक ही मंदिर में प्रवेश करेंगे 
  • निर्जला एकादशी पर दो दशक से निकलने वाली कलश यात्रा इस बार प्रतीकात्मक होगी

नई दिल्ली: करोड़ों भक्तों की आस्था के केंद वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से बाबा के भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है, प्रशासन ने 2 जून यानि मंगलवार को पड़ने वाली निर्जला एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक की अनुमति दी है लेकिन ये व्यापक रुप से नहीं होगा इसके लिए फिलहाल 11 श्रद्धालुओं व चार डमरू वादक ही मंदिर में प्रवेश करेंगे बाकी लोग नहीं।

गौरतलब है कि वाराणसी के काशी विश्‍वनाथ मंदिर समेत अन्‍य मंदिरों में लॉकडाउन के पहले से ही यानि 20 मार्च से ही मंदिर में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक जारी है जिसकी वजह से बाबा के भक्त उनके दर्शनों से वंचित हैं और वाराणसी में कई ऐसे आयोजनों पर भी रोक थी जो पारंपरिक हैं। 

मंदिर के सीईओ को पत्र भेजकर इस बारे में अनुमति मांगी गई थी उन्होंने इस बारे में लेटर जारी कर यात्रा में शामिल 4 डमरू वादकों व 11 श्रद्धालुओं को प्रवेश कराने का निर्देश दिया है साथ ही निर्देश दिया है कि लॉकडाउन के नियमों का पालन किया जाए और सोशल डिस्टेंसिंग भी बनाई रखी जाए।

इस बार "वार्षिक कलश यात्रा" की स्वरुप भी होगा अलग

सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का ध्यान में रखते हुए मंगलवार यानि 2 जून को निर्जला एकादशी पर दो दशक से निकलने वाली कलश यात्रा इस बार प्रतीकात्मक होगी, मंदिर प्रशासन ने इस बारे में कदम उठाए हैं, कोरोना संक्रमण को देखते उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कलश यात्रा का स्वरुप बदला गया है।

बताया जाता है कि निर्जला एकादशी के दिन वार्षिक कलश यात्रा दो दशक से काशी में निकल रही है, हर वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी के दिन काशी विश्वनाथ वार्षिक कलश यात्रा होती है, इस दिन भक्तों के हुजूम के साथ गंगा तट से कलश यात्रा निकलती थी। शहर की कई बैंड पार्टियां, शहनाई व नगाड़ा वादकों की टोलियां बड़े उत्साह से इसमें इसमें शामिल होती थीं और श्रद्धालु विश्वनाथ मंदिर पहुंचकर बाबा का जलाभिषेक करते थे।

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