पणजी: गोवा के शीर्ष सरकारी अस्पताल, गोवा मेडिकल कॉलेज (Goa Medical Colege) में शुक्रवार तड़के ऑक्सीजन (Oxygen) के खराब प्रबंधन के कारण 13 कोविड रोगियों (Coviod Patient's Death) की मौत हो गई।यहां रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच पिछले चार दिनों में मरने वाले मरीजों की संख्या भी 75 तक पहुंच चुकी है।मौतों के दौर के बीच, गोवा के राज्यपाल कोश्यारी ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे के साथ एकवर्चुअल कॉन्फ्रेंस में कोविड-19 स्थिति की समीक्षा की।
शुक्रवार को गोवा के अस्पतालों में कुल मिलाकर 61 कोविड रोगियों की मृत्यु हुई है, जिसके बाद राज्य में कोविड की वजह से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 1,998 हो गई है। वर्तमान में गोवा में 32,387 सक्रिय मामले हैं, जो राज्य की लगभग 15 लाख की आबादी का 2 प्रतिशत से अधिक है।
राज्य में स्थित मेडिकल कॉलेज के कई वार्डों में अव्यवस्थाओं के वीडियो वायरल हुए हैं, जिसमें मरीज और परिजन सहायता के लिए प्रार्थना करते दिखाई दे रहे हैं। साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं के कुप्रबंधन के अलावा स्वच्छता की कमी के आरोप भी लग रहे हैं।
वार्ड नंबर 145 में शूट किए गए एक वीडियो में मरीज जमीन पर बिछे गद्दे पर लेटे हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में वार्ड के एक कोने में कूड़ेदान से बाहर बिखरा सामान दिख रहा है। खाने के पैकेट और अन्य कचरा फैला हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं वार्ड नंबर 147 में शूट किए गए एक अन्य वीडियो में, एक मरीज के रिश्तेदार ने ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पताल के वार्ड में छह से सात लोगों की मौत की शिकायत की। उसने कहा, सरकार कहती है कि पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति है, लेकिन वह लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है।
गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विपक्षी विधायक विजय सरदेसाई ने रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच के चार घंटों (वह समय जब, ज्यादातर मौतें हुईं हैं) को मौत का काला घंटा (Dark Hours) करार दिया है।सरदेसाई ने कहा, पिछले चार दिनों में रात के दो बजे से सुबह छह बजे के बीच के अंधेरे के समय में 75 लोगों की मौत हुई है।
जहां 10 मई को चार घंटे के दौरान 26 लोगों की मौत हुई, वहीं 11 मई को ऑक्सीजन की कमी से 21 लोगों की मौत हुई।पिछले कुछ दिनों में गोवा मेडिकल कॉलेज के कई कोविड वार्डों में ऑक्सीजन की कमी के कारण 75 मरीजों की मौत हो गई। संयोग से, लगभग सभी मौतें सभी चार दिनों में 2 से 6 बजे के बीच हुईं, वार्डों में ऑक्सीजन का स्तर काफी कम हो जाने के कारण मरीजों की सांस फूल गई।
बंबई हाईकोर्ट ऑक्सीजन कुप्रबंधन से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है और इसने सरकारी एजेंसियों को फटकार भी लगाई है, मगर इसके बावजूद प्रमुख अस्पताल का हाल बेहाल है। यहां मौतों का सिलसिला बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां 12 मई को जहां 15 लोगों की मौत हुई थी, वहीं शुक्रवार को भी रात से लेकर सुबह के बीच के चार घंटों के दौरान ही 13 और लोगों ने अपनी जान गंवा दी।सरदेसाई ने कहा, शासन पूरी तरह से चरमरा गया है। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद, इस अंधेरे समय में मौतें हो रही हैं। सरकार के बजाय, हाईकोर्ट को गोवा का शासन संभालना चाहिए, क्योंकि सरकार फोटो सेशन के अलावा कुछ नहीं कर रही है।
बता दें कि बंबई हाईकोर्ट ने अस्पताल में ऑक्सीजन प्रबंधन सही न होने को लेकर नाखुशी व्यक्त की है और मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन वितरण प्रणाली को कारगर बनाने को कहा है।इससे पहले शुक्रवार को, यूथ कांग्रेस के अधिकारियों की एक टीम, जो ऑक्सीजन सिलेंडरों की रिफिलिंग में मरीजों की सहायता कर रही है, ने मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड का दौरा किया।युवा कांग्रेस अध्यक्ष वरद मर्दोलकर ने कहा, अगर हाईकोर्ट को हर मामले में हस्तक्षेप करना है, तो आपको सरकार की आवश्यकता क्यों है? हमने गोवा में पर्यटकों की बढ़ती संख्या के कारण आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य करने की मांग की थी, विशेष रूप से महाराष्ट्र से, जो एक बड़ी स्पाइक का सामना कर रहा था। मर्दोलकर ने कहा, यह ऑक्सीजन की समस्या 14-15 दिनों से है। लेकिन सरकार इसे ठीक नहीं कर सकी।
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