10 साल पहले आज ही के दिन यानी 13 जुलाई 2011 को मुंबई में शाम को 6 बजकर 54 मिनट से 7 बजकर 6 मिनट के बीच तीन अलग-अलग स्थानों पर बम विस्फोट हुए। ये विस्फोट ओपेरा हाउस, जावेरी बाजार और दादर पश्चिम इलाकों में हुए। विस्फोटों में 26 लोगों की मौत हो गई और 130 घायल हो गए।
धमाकों के बाद फोन लाइनें जाम हो गईं और संचार बंद हो गया या कम से कम कुछ घंटों के लिए रुक-रुक कर उपलब्ध रहा। दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद और बैंगलोर सहित अन्य महानगरों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया था। अधिकांश घायलों को मुंबई के विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया, जैसे जे.जे. अस्पताल, सेंट जॉर्ज अस्पताल, हर्किसोंदास अस्पताल और जी. टी. अस्पताल।
गृह मंत्रालय ने बम विस्फोटों को आतंकवादी कृत्य के रूप में वर्गीकृत किया और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम को बम स्थल पर भेजा। जांच में विस्फोटों में कई आईईडी विस्फोटकों के इस्तेमाल की बात कही गई।
शुरू हुई जांच, जुड़ने लगे तार
15 जुलाई 2011 को 2008 के अहमदाबाद बम धमाकों के सिलसिले में अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार किए गए एक संदिग्ध से मिलने के लिए एनआईए की एक टीम अहमदाबाद गई थी। 16 जुलाई को फोरेंसिक राय को ध्यान में रखते हुए आत्मघाती हमलावर की संभावना से इनकार किया गया था। 4 अगस्त को गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने विस्फोटों में एक घरेलू आतंकी मॉड्यूल के शामिल होने के संकेत दिए। 9 अगस्त को जावेरी बाजार ब्लास्ट में जिस बाइक पर ब्लास्ट डिवाइस लगा था उसे चोरी करने का दावा करने वाले संदिग्ध की गिरफ्तारी हुई। सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि कोई व्यक्ति विस्फोट वाली जगह पर स्कूटर रख कर भाग रहा है।
खुलने लगीं परतें
23 जनवरी 2012 को मुंबई पुलिस ने दावा किया कि उसने दो संदिग्धों- नकी अहमद वसी अहमद शेख (22) और नदीम अख्तर अशफाक शेख (23) की गिरफ्तारी के साथ मुंबई विस्फोट मामले को सुलझा लिया है। आगे की जांच से पता चला कि भायखला में रहने वाले वक्कास और तबरेज नाम के दो पाकिस्तानी हमलावरों ने 18 सिम कार्ड और छह हैंडसेट का इस्तेमाल किया। दोनों को सह-आरोपी नकी अहमद से सिम कार्ड मिले, जिसके बाद उसने विस्फोटों में अपनी भूमिका स्वीकार की और बॉम्बर्स के लिए आवास की व्यवस्था में इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्य यासीन भटकल के साथ काम करना स्वीकार किया।
2012 में दाखिल हुई चार्जशीट
25 मई 2012 को महाराष्ट्र एटीएस ने नकी अहमद, नदीम शेख, कंवर पथरीजा और हारून नाइक के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके अतिरिक्त चार्जशीट में इंडियन मुजाहिदीन के मास्टरमाइंड यासीन भटकल और अन्य संदिग्धों सहित छह अन्य लोगों को वांछित आरोपी के रूप में नामित किया गया था। 4 फरवरी 2014 को महाराष्ट्र एटीएस को 2011 के मुंबई बम विस्फोट मामले की जांच के लिए इंडियन मुजाहिदीन के मास्टरमाइंड यासीन भटकल की हिरासत में सौंप दिया गया था। 16 जुलाई को
मुंबई एटीएस ने अब्दुल मतीन फक्की को गोवा के डाबोलिम एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया, जब वह दुबई से फ्लाइट से पहुंचा। उस पर इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल को हवाला स्रोतों के माध्यम से पैसे देकर आतंकवादी ऑपरेशन के वित्तपोषण का आरोप लगाया गया था।
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