देश की केंद्र सरकार की मंशा है कि देश के हर शहर से लेकर हर गांव बिजली की रोशनी से जगमगाए, सरकार इसको लेकर प्रयासरत भी है। मगर अभी भी कई ऐसी जगहें हैं जो बिजली (Light) से महरूम हैं,ऐसा ही जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के तीन गाँवों में बिजली नहीं थी और आजादी के बाद से यहां के लोग रोशनी के वैकल्पिक इंतजाम करते थे, मगर अब यहां बिजली पहुंचने ही वाली है वो भी अगले महीने यानि जनवरी के मध्य तक।
उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) थाट्री (Thathri) अतहर अमीन जर्गर ने टंटा गांव का दौरा किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ग्रामीणों को 15 जनवरी 2021 तक बिजली मिल जाए। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ हाल ही में हुई बैठक में ग्रामीणों ने अपने गांवों के विद्युतीकरण नहीं होने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने बड़ी उम्मीदों के साथ प्रशासन से संपर्क किया था।
आजादी के बाद यहां की सरकारों ने क्षेत्र में विकास के लिए आधे-अधूरे प्रयास किए क्योंकि उनका मुख्य ध्यान जिला मुख्यालय की ओर था। एसडीएम और उनकी टीम ने बिजली की स्थिति का आकलन करने के लिए दूरदराज के गांवों तक पहुंचने के लिए सात घंटे का दुर्गम सफर पैदल तय किया। जरगर ने सुनिश्चित किया कि डोडा जिले के तीन गांवों का 15 जनवरी तक विद्युतीकरण कर दिया जाए।
इस बीच, डोडा जिले में गांव हर सर्दियों में अंधेरे में डूब जाते हैं क्योंकि बर्फबारी स्थानीय लोगों के दैनिक जीवन को बाधित करती है वहां के निवासियों को मोमबत्तियों और मिट्टी के तेल पर निर्भर करने के लिए मजबूर करते हैं।
थ्राटी एक खूबसूरत टाउन है जो हिमालय के पहाड़ों की तलहटी में चिनाब नदी के किनारे स्थित है। घने जंगल और इसके विभिन्न हिस्सों से बहने वाली कई छोटी धाराएं इसकी सुंदरता में चार चांद लगाती हैं। कुल 93 गांव और 33 पंचायतें थ्राटी का हिस्सा हैं। थ्राटी डोडा जिला मुख्यालय से लगभग 36 किलोमीटर दूर है।
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