Jharkhand: झारखंड के पलामू में दलित वर्ग के लगभग 50 लोग अपने गांव को छोड़कर जंगल में रहने को मजबूर हैं। दलित समाज के लोगों ने आरोप लगाया है कि उनके गांव से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मारपीट करके भगा दिया है। इसे लेकर पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई है। इस मामले पर राज्यपाल रमेश बैस ने रिपोर्ट भी मांगी है।
प्रशासन ने डाला डेरा
झारखंड पुलिस ने मंगलवार को बताया कि इस बारे में सूचना मिलने पर मेदिनीनगर के एसडीओ राजेश कुमार शाह और एसडीपीओ सुजीत कुमार मरुमातू गांव से एक किलोमीटर दूर टोंगरी पहाड़ी इलाके में पहुंचे और वहां कानून व्यवस्था बनाने के लिए डेरा डाले हुए हैं। पुलिस के अनुसार इस घटना के संबंध में 12 लोगों के खिलाफ नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ फौजदारी का मामला दर्ज किया गया है। इस बीच घटना का संज्ञान लेते हुए झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने घटना पर चिंता प्रकट की है।
राज्यपाल ने मांगी रिपोर्ट
राज भवन की ओर से जारी बयान के अनुसार राज्यपाल ने पलामू के उपायुक्त ए दोड्डे से दो दिन के अंदर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। वहीं दोड्डे ने बताया कि पुलिस को तत्काल दोषियों को पकड़ने को कहा गया है। उन्होंने सभी 50 परिवारों का प्राथमिकता के आधार पर इसी गांव में पुनर्वास कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राहत एजेंसियां इस काम के लिए सक्रिय हो गयी हैं।
चार दशक से गांव में रहते थे पीड़ित
पीड़ित लोग मुसहर जाति से संबंध रखते हैं। ये लोग पिछले चार दशक से इस गांव में रह रहे थे। पीड़ितों में शामिल जितेंद्र मुसहर ने कहा- "हम कई सालों से एक साथ गांव में रह रहे हैं, लेकिन सोमवार को लोगों ने हमारे घरों पर धावा बोला और जबरदस्ती गांव से बाहर निकाल दिया। वे सभी मरुमातू गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने हमारे सामान गाड़ियों में लादा और पास के जंगल में हमें छोड़ दिया।"
पीड़ितों ने आरोप लगाय कि उनके साथ मारपीट भी की गई और उन्हें पुलिस के पास नहीं जाने के लिए भी कहा गया। प्रशासन की ओर से पीड़ित दलित परिवारों को न्याय का भरोसा दिलाया गया है। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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