अमृतसर : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देशभर में जारी प्रदर्शन के बीच पाकिस्तान से 50 हिन्दू परिवार भारत आए हैं, जिनमें से कई ने यहां रहने की इच्छा जताई है। ये हिन्दू परिवार वाघा-अटारी बॉर्डर के जरिये मंगलवार (3 फरवरी) को भारत पहुंचे। हालांकि वे 25 दिनों के वीजा पर आए हैं, लेकिन उनमें से कई ऐसे हैं जिनकी ख्वाहिश इस देश में रहने की है।
ये हिन्दू परिवार हरिद्वार की यात्रा पर आए हैं। यहां पहुंचे हिन्दू परिवारों के जत्थे में शामिल लक्ष्मण दास उन लोगों में शामिल हैं, जो पाकिस्तान को छोड़कर भारत में रहना चाहते हैं। हालांकि इस बारे में उन्होंने अभी फैसला नहीं लिया है, पर उनकी इच्छा है कि वह इस देश में रहें। उन्होंने कहा, 'हरिद्वार में पवित्र स्नान करने के बाद मैं अपने भविष्य के बारे में फैसला करूंगा। हालांकि मैं भारत में रहना चाहता हूं।'
यहां उल्लेखनीय है कि नागरिकता कानून में जो संशोधन किया गया है, उसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों, हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को कुछ निर्धारित शर्तों के साथ भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। इसमें मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है। विपक्ष धार्मिक आधार पर नागरिकता देने के सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
सीएए के खिलाफ देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन के बीच पाकिस्तान में हिन्दुओं के प्रताड़ित होने की कई खबरें सामने आई हैं, जो वहां अल्पसंख्यक समुदाय है। पाकिस्तान में हिन्दुओं की आबादी करीब 4 फीसदी बताई जाती है। पाकिस्तान की करीब 21 करोड़ आबादी में हिन्दुओं की संख्या 80 लाख बताई जाती है।
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