बिहार सरकार और उसके मुखिया नीतीश कुमार इस समय चर्चा के केंद्र में हैं। चर्चा किसी अच्छे काम के लिए नहीं हो रही है बल्कि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर है जिनके खिलाफ वारंट है और उन्हें 16 अगस्त को दानापुर कोर्ट में पेश होना था। लेकिन वो बिहार के कानून मंत्री बन बैठे। विपक्ष का आरोप है कि खास मकसद के साथ कार्तिकेय सिंह को मंत्री बनाया गया। इन सबके बीच हम बताएंगे कि नीतीश कैबिनेट में ऐसे कितने मंत्री हैं जो दागदार हैं।
नीतीश सरकार के कुल 23 मंत्रियों पर केस
नीतीश सरकार में कुल 23 मंत्रियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज है। आरजेडी कोटे के 17 में से 15 मंत्रियों पर अलग अलग मुकदमे हैं। अगर चुनावी हलफनामे की बात करें तो कुल 33 मंत्रियों में से 23 ने अपने ऊपर क्रिमिनल केस की जानकारी दी है। अगर आरजेडी कोटे की बात करें तो करीब 88 फीसद मंत्री ऐसे हैं जो दागी है। तेजस्वी यादव समेत कुल 17 मंत्री आरजेडी से हैं। जेडीयू के कोटे से कुल 11 मंत्रियों में से 4 के खिलाफ केस चल रहे हैं। कांग्रेस के कोटे से दो मंत्री बनाए गए हैं और दोनों के खिलाफ केस हैं। इसी तरह जीतन राम मांझी की पार्टी और निर्दलीय कोटे से बने मंत्रियों के खिलाफ भी केस हैं।
आरजेडी के 11 मंत्रियों पर गंभीर केस
अगर गंभीर अपराध की बात करें तो आरजेडी के 17 में से 11 पर सीरियस केस हैं। जेडीयू के दो मंत्रियों पर और अन्य घटक दलों के एक एक मंत्री गंभीर मामलों का सामना कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि अगर आप आंकड़ों की बात करें तो कोई भी दल इस दाग से अछूता नहीं है। क्या बीजेपी को अब सवाल उठाने की जरूरत है। इस सवाल के जवाब में जानकार कहते हैं कि बीजेपी और नीतीश कुमार जब मिलकर सरकार चला रहे थे तो बीजेपी के कोटे से करीब 11 मंत्रियों पर केस दर्ज थे। ये बात अलग है कि नीतीश कुमार को इस दफा ज्यादा विरोध का सामना कर पड़ रहा है क्योंकि जिस दिन कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को अदालत के सामने पेश होना था उसी दिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे।
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