नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के भोपाल के 10 साल के बेटे ने अपनी मां के अंगों को दान करने का फैसला किया है। 5वीं क्लास में पढ़ने वाले मयंक ने शनिवार को अपनी मां को खो दिया। दो दिन पहले उसकी मां दिशा एक दुर्घटना में घायल हो गई थीं और उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। मयंक के लिए मां की मौत गहरा आघात है, क्योंकि 7 साल पहले जब वो 3 साल का था, उसके पिता का निधन हो गया था।
लेकिन इस बार मयंक ने अपनी मां के अंगों को दान करने का फैसला किया। ऐसा करना उसे अपनी मां की यादों को जीवित रखने के एकमात्र तरीक दिखा। साथ ही इससे किसी जरूरतमंद की मदद भी हुई।
'इंडिया टुडे' से मयंक के चाचा जगदीश चवानी ने कहा, 'मयंक बहुत छोटा है। जब हम सभी (परिवार के सदस्यों) ने उससे पूछा, तो उसने कहा कि अगर हम उन्हें (मां) जलाते हैं तो सब कुछ समाप्त हो जाएगा और यदि उनके अंग दान किए जाते हैं, तो वह अपनी मां को किसी और के माध्यम से महसूस कर सकेगा।'
23 जनवरी को दिशा भोपाल में बस से उतरते समय गंभीर रूप से घायल हो गईं। डॉक्टरों ने वेंटिलेटर के जरिए उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन शनिवार सुबह डॉक्टरों ने उनका ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
इसके बाद परिवार के लोगों ने मयंक को उसकी मां के अंगों को जरूरतमंद लोगों को दान करने के बारे में कहा। मयंक अंग दान प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ने के लिए सहमत हुआ। अब मयंक की मां के अंगों को जरूरतमंद लोगों को दान कर दिया जाएगा। अंग दान की जानकारी मिलते ही किरण फाउंडेशन के राकेश भार्गव हमीदिया अस्पताल पहुंचे और अंग दान से संबंधित आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी की।
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