नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के बुराड़ी के उस घर में एक फैमिली रहने लगी है, जिसमें पिछले साल एक ही परिवार के 11 सदस्य लटके पाए गए थे। इसके ग्राउंड फ्लोर पर डायग्नोस्टिक सेंटर बन गया है। घर के नए मालिक डॉ. मोहन सिंह का कहना है कि वह इस घर में आए हैं, क्योंकि वह अंधविश्वासी नहीं हैं।
उन्होंने कहा, 'अगर मैं अंधविश्वासों को मानता, तो मैं यहां नहीं आता। मेरे रोगियों को परीक्षण के लिए यहां आने में कोई समस्या नहीं है। मैंने घर को सुविधाजनक पाया क्योंकि यह सड़क के पास है।'
डॉ. मोहन सिंह ने कहा, 'मुझे कोई समस्या नहीं है, यह घर सुविधाजनक है क्योंकि यह सड़क के पास है और मैं अंधविश्वासी नहीं हूं।' हालांकि, हिंदू पुजारी ने किसी भी बुराई को दूर करने के लिए प्रार्थना और हवन किया। उन्होंन कहा, 'गौरी-गणेश को पूजन अर्पित किया जा रहा है। किसी भी नई चीज की शुरुआत से पहले पूजा अनुष्ठान के अनुसार की जाती है। अंधविश्वास में विश्वास नहीं करना चाहिए।'
उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी का ये घर पिछले जुलाई में तब खबरों में आया जब घर के अंदर दो नाबालिगों सहित परिवार के 11 सदस्य मृत पाए गए थे। बाद में पुलिस ने निष्कर्ष निकाला कि यह आत्महत्याएं थीं। बाद में खुलासा हुआ था कि एक तांत्रिक विद्या के दौरान इन सभी ने आत्महत्या कर ली थी। जो लोग लटके हुए पाए गए, उनके मुंह पर टेप लगा हुआ था और उनकी आंखें कपड़े से ढकी थीं। दो नाबालिग बच्चों के हाथ-पैर बंधे थे।
इस कांड से पूरा देश हिल गया था। घर करीब साल भर से भी ज्यादा समय से खाली रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि जो हुआ, वो हुआ, अब सब ठीक है।
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