China को संवेदनशील जानकारी पहुंचाता था फ्रीलांस पत्रकार, पुलिस ने अरेस्ट कर बरामद किए गोपनीय दस्तावेज

देश
किशोर जोशी
Updated Sep 19, 2020 | 13:06 IST

दिल्ली पुलिस की एक स्पेशल सेल ने पीतमपुरा के रहने वाले फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक राजीव शर्मा के पास से अहम दस्तावेज भी मिले हैं।

A freelance journalist, Rajeev Sharma arrested for passing sensitive information to Chinese intelligence
चीन को गोपनीय जानकारी पहुंचाता था फ्रीलांस पत्रकार, अरेस्ट 
मुख्य बातें
  • दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल फ्रीलांस जर्नलिस्ट राजीव शर्मा को ऑफिशल सीक्रेट ऐक्ट के तहत किया गिरफ्तार
  • राजीव शर्मा के पास देश की रक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज राजीव हुए बरामद
  • राजीव शर्मा चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के लिए लिख चुके हैं आर्टिकल

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने अपनी शासकीय गोपनीयता कानून के तहत एक मामले के सिलसिले में एक फ्रीलांस (स्वतंत्र) पत्रकार को गिरफ्तार किया है। पुलिस को राजीव शर्मा के पास से रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज भी मिले हैं। दिल्ली के पीतमपुरा में रहने वाले राजीव शर्मा  को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया और अगले दिन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। उसे छह दिन के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया है।

दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए करते हुए कहा, 'फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा को चीनी खुफिया जानकारी के लिए संवेदनशील जानकारी देने के लिए गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा एक चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया है जो शेल कंपनियों के माध्यम से उन्हें बड़ी मात्रा में पैसे देते हुए हैं।'

कौन हैं राजीव शर्मा
राजीव शर्मा एक फ्रीलांस पत्रकार हैं जो यूएनआई, द ट्रिब्यून और साकाल टाइम्स के साथ काम कर चुके हैं। राजीव शर्मा अपना यूट्यूब चैनल चलाते हैं जिसका नाम 'राजीव किष्किन्धा' है। इसमें उनके 12 हजार से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं।  इसमें उनके करीब 12 वीडियो हैं। इसमें से कुछ वीडियो चीन और भारत के साथ चल रहे विवाद को लेकर भी हैं। 

ग्लोबल टाइम्स में लिखा था लेख
राजवी शर्मा ने हाल ही में चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के लिए एक आर्टिकल लिखा था। इस आर्टिकल में उन्होंने लिखा था कि 5 मई की रात से द्विपक्षीय संबंधों का लगातार बिगड़ना शुरु हुआ। आपको याद होगा कि पिछले साल एक खबर आई थी कि व्हाट्सएप के ज़रिये इज़रायली स्पाइवेयर पेगासस की मदद से कुछ अज्ञात इकाइयाँ वैश्विक स्तर पर लोगों की जासूसी कर रही हैं और इसके शिकार भारतीय पत्रकार एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता भी हुए हैं। राजीव शर्मा ने भी उस समय दावा किया था कि उन्हें 29 अक्टूबर की रात 9.36 बजे एक व्हाट्सएप संदेश के जरिए बताया गया कि उनका फोन हाई रिस्क में हो सकता है इसलिए इसे बदल ले।
 

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