नवविवाहित हिंदू युवक ने मस्जिद में दी इफ्तार पार्टी, कई मुस्लिम दोस्त नहीं हो सके थे शादी में शामिल

देश
किशोर जोशी
Updated Apr 29, 2022 | 12:09 IST

Youth Hosted Iftar Party: कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले से एक भाईचारे की मिसाल का शानदार उदाहरण सामने आया है। जहां एक युवक ने अपनी शादी की पार्टी इफ्तार के रूप में एक मस्जिद में दी।

A newly married Hindu youth hosted an Iftar party at a mosque in Vittal in Bantwal taluk in Karnataka
इसलिए नवविवाहित हिंदू युवक ने मस्जिद में दी इफ्तार पार्टी 
मुख्य बातें
  • नवविवाहित हिंदू युवा ने मुस्लिम दोस्‍तों के लिए मस्जिद में दी इफ्तार पार्टी
  • शादी में मुस्लिम दोस्त नहीं खा पाए थे खाना
  • चंद्रशेखर को इमाम और जलालिया जुमा मस्जिद के पदाधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया

बेंगलुरु: कर्नाटक के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील दक्षिण कन्नड़ जिले में एक एक नवविवाहित हिंदू युवक ने सौहार्द की शानदार मिसाल पेश की है। युवक ने बंतवाल तालुक के विट्टल में एक मस्जिद में इफ्तार पार्टी की मेजबानी की। हिजाब, हलाल, अज़ान और मुसलमानों की दुकानों के बहिष्कार के आह्वान के बीच, युवक अपने इस कदम की वजह से सांप्रदायिक सद्भाव के आइकन के रूप में सामने आया है।

24 अप्रैल को हुई थी शादी

विट्टल में बायरिकेट के जे. चंद्रशेखर की शादी 24 अप्रैल को हुई थी। चूंकि मुसलमान इस महीने में रमजान मना रहे हैं, इसलिए इस समुदाय से ताल्लुक रखने वाले उसके कई दोस्त शादी समारोह में दावत का आनंद नहीं ले सके। इसके बाद युवक ने अपनी शादी की पार्टी देने के लिए एक मस्जिद में अपने मुस्लिम दोस्तों के लिए इफ्तार पार्टी आयोजित करने का फैसला किया।

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युवक को किया गया सम्मानित

बाद में, नवविवाहित युवक को इमाम और जलालिया जुमा मस्जिद के पदाधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया और इफ्तार में शामिल होने वाले सभी लोगों ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया। हिजाब प्रतिबंध के बाद राज्य में कई तरह के विवादास्पद मामले सामने आए हैं। कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय मेलों और वार्षिक उत्सवों में मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध से लेकर, शिवमोग्गा में एक मुस्लिम गिरोह द्वारा बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष की हत्या से कई मामले सामने आए हैं।

राज्य से सामने आ रहे हैं विवाद

इसके बाद आरएसएस नेता कल्लाडका प्रभाकर भट ने बयान देते हुए कहा था कि 'भगवा झंडा तिरंगे की जगह ले सकता है।' वहीं हलाल मांस पर प्रतिबंध जैसी मांगों के बीच राज्य में  सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया था। कई राष्ट्रीय और राज्य स्तर के नेता और राजनेताओं ने इसे लेकर कर्नाटक सरकार पर सवालिया निशान खड़े किए। बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव उनमें से एक थे।

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