नई दिल्ली: खुद को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का पीए बताकर रेलवे के जीएम से फेवर मांगना एक शख्स को बहुत महंगा पड़ा। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। खबर के मुताबिक आरोपी की पहचान समर्थ विश्वकर्मा के रूप में हुई है। आरोपी के पिता अजय विश्वकर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों ने भारतीय रेल के महाप्रबंधक के साथ रेल मंत्री के पीए के रूप में बात कर एक कंपनी के लिए कुछ फेवर लेने को कहा था।
क्या कहा था आरोपी ने
आरोपी ने खुद को रेल मंत्री का पीए बताते हुए रेलवे के महाप्रबंधक (जीएम) को कॉल कर कहा, 'मैं पी.ए. रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का पीए हूं।' इसके बाद आरोपी ने जीएम को एक कंपनी के लिए कुछ फेवर (एहसान) करने के लिए कहा और कुछ के ट्रांसफर करने के लिए कहा। इतना ही नहीं आरोपी ने जीएम से ये दोनों पर तत्काल प्रभाव से अनुपालन कराने की भी मांग की।' चूंकि रेल मंत्री ने सभी डीआरएम, जीएम और फील्ड यूनिट को चौबीसों घंटे पहुंच के बारे में निर्देश और संदेश दिया है, इसलिए व्यक्ति के इस गलत काम की तुरंत पहचान की गई और पुलिस मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू किए और तुरंत ही संदिग्ध समर्थ विश्वकर्मा और उसके पिता अजय विश्वकर्मा को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है। समर्थ वर्मा के बयान के अनुसार, एक समूह था जो लोगों को रोजगार दे रहा था और विभिन्न अधिकारियों को कंपनी या शख्स के लिए फेवर करने के लिए कह रहा था। समर्थ वर्मा के पिता अजय शर्मा ने इस मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है, हालांकि उनके मोबाइल का इस्तेमाल समर्थ विश्वकर्मा ने रेलवे अधिकारियों को रेल मंत्री के पीए के रूप में बताने के लिए इस्तेमाल किया था।
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