Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल की गई है और इसमें ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग में पूजा की अनुमति मांगी गई है। इस मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई होने की उम्मीद है। अब जब वाराणसी कोर्ट में यह मामला चल रहा है ऐसे में देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट किस तरह का निर्णय देता है। कृष्णजन्मभूमि स्थल के राजेश त्रिपाठी द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि सावन का महीन हिंदुओं के लिए पवित्र महीना होता है इसलिए उसे पूजा की अनुमति दी जाए।
श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति स्थल के अध्यक्ष राजेश मणि त्रिपाठी ने अदालत के समक्ष पेश अपनी याचिका में कहा है कि श्रावण का महीना शुरू हो रहा है, हिंदुओं को पूजा करने और भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 में वर्णित "अंतरात्मा की स्वतंत्रता और धर्म के स्वतंत्र पेशे, अभ्यास और प्रचार की स्वतंत्रता" के तहत अपने अधिकार का प्रयोग करने की अनुमति दी जा सकती है।
वहीं इस मसले पर आज भी वाराणसी की कोर्ट में सुनवाई हो रही है। बुधवार को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी की जिला अदालत में हिन्दू पक्ष ने अपनी दलीलें रखीं और दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में उपासना स्थल अधिनियम लागू नहीं होता। शासकीय अधिवक्ता राणा संजीव सिंह ने बताया कि हिन्दू पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु जैन ने दलीलें रखीं। सिंह ने बताया कि हरिशंकर जैन ने अदालत में कहा कि इस मामले में वर्ष 1991 का उपासना स्थल अधिनियम किसी भी तरीके से लागू नहीं होता।
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