पंजाब की सियासत में गरमी छाई है। कांग्रेस में जहां एक तरफ सुलह सपाटे की कोशिशों के बीच नेता तलवारें खींच रहे हैं तो दूसरी तरफ शिरोमणि अकाली दल और बीएसपी ने गठबंधन के जरिए अगले साल होने वाले चुनाव को रंग दे दिया। इन सबके बीच पंजाब में अपनी सत्ता काबिज करने की फिराक में आम आदमी पार्टी की तरफ से दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शिक्षा के मुद्दे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा ।
पंजाब में शिक्षा के हाल पर दिल्ली-पंजाब आमने- सामने
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि पंजाब के सरकारी स्कूलों की हालत दयनीय है। सीएम अमरिंदर सिंह की नाकामी को छिपाने के लिए पीएम मोदी ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि पंजाब के स्कूल बकाया हैं. यह दो नेताओं के बीच 'जुगलबंदी' को दर्शाता है; कैप्टन साहब ने पिछले 2-3 सालों में 800 सरकारी स्कूल बंद कर दिए हैं।शेष स्कूलों को सीएम ने निजी क्षेत्र को दे दिया है। सरकारी स्कूलों का हाल यह है कि दो दिन पहले उनमें से एक में शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था. लेकिन पीएम मोदी कहते हैं कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में कैप्टन साहब का काम सबसे अच्छा है।
जुगलबंदी करने के लिए तैयार
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह कहते हैं। यदि आप (दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया) वास्तव में दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में सुधार करने में रुचि रखते हैं, तो शायद आपको मेरे साथ एक 'जुगलबंदी' करनी चाहिए, और मैं आपको सिखाऊंगा कि चीजों को बेहतर तरीके से कैसे प्रबंधित किया जाए। लेकिन सवाल यह है कि मनीष सिसोदिया शिक्षा व्यवस्था बनाकर अमरिंदर सिंह सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं।
क्या कहते हैं जानकार
जानकार कहते हैं कि आम आदमी पार्टी के रणनीतिकारों को लगता है कि दिल्ली के बाद वो पंजाब में बेहतर कर सकते हैं। लेकिन जिस तरह से हाल में कैप्टन अमरिंदर ने आप में तोड़फोड़ की उसके बाद आप को धक्का लगता नजर आया। उसके बाद पंजाब की सियासत में जिस तरह से अकाली दल और बीएसपी करीब 25 साल बाद एक साथ आए उसकी वजह से आम आदमी पार्टी के वोट बैंक पर भी असर नजर आ रहा है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जिस तरह से बीएसपी के वोट बैंक पर आप ने कब्जा किया था अब वो उनकी झोली से छिटक सकते हैं।
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