नई दिल्ली: पतंजलि ने कोरोना वायरस महामारी के इलाज का दावा करते हुए आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल को बाजार में उतार दिया है। हालांकि थोड़ी देर बाद आयुष मंत्रालय ने इस पर संज्ञान लिया और कंपनी को इसके प्रचार पर रोक लगाने को कहा। आयुष मंत्रालय ने इस पर जांच बैठा दी। पतंजलि से कहा गया है कि वह जल्द से जल्द उस दवा का नाम और उसके घटक बताए जिसका दावा कोविड उपचार के लिए किया जा रहा है। वह नमूने का आकार, स्थान, अस्पताल जहां अध्ययन किया गया और आचार समिति की मंजूरी के बारे में विस्तृत जानकारी दे।
इस पर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी और पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के सह-संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन व गौरव देने वाली है जो कम्यूनिकेशन गैप था वह दूर हो गया है व Randomised Placebo Controlled Clinical Trials के जितने भी मानक पैरामीटर हैं उन सबको 100% पूरा किया है। इसकी सारी जानकारी हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है।'
पतंजलि ने कहा है कि दवा के मुख्य घटक अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस और अणु तेल होंगे। इनका मिश्रण और अनुपात शोध के अनुसार तय किया गया है, जिससे ये कोरोना वायरस के प्रभाव को पुख्ता तरीके से खत्म कर देता है। दवाई के लॉन्चिंग पर बाबा रामदेव ने कहा, 'हमने कोविड 19 के इलाज के लिए आयुर्वेदिक पद्धति से जड़ी-बूटियों के गहन अध्ययन और अनुसंधान के बाद पहली दवा बनाई है। हमने एक क्लिनिकल केस स्टडी और क्लिनिकल नियंत्रित परीक्षण किया। 3 दिनों में 69% रोगियों को और 7 दिनों में 100% रोगियों को ठीक किया गया।'
पतंजिल आयुर्वेद ने ट्वीट कर बताया, 'ये औषधियां रेस्पेरेटरी सिस्टम, इम्यून सिस्टम से लेकर पूरे शरीर की ऊर्जा को संतुलित करती हैं एवं रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं। अश्वगंधा, गिलोय और तुलसी की मात्रा बताई डॉक्टर ने उसी के एक्टिव कंपाउंड को लेकर हमने यह कोरोनिल नाम की आयुर्वेदिक औषधि इस संसार को कोरोना मुक्ति के लिए एक उपहार के रूप में दी है। दवा के मुख्य घटक अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस और अणु तेल होंगे। इनका मिश्रण और अनुपात शोध के अनुसार तय किया गया है, जिससे ये कोरोना वायरस के प्रभाव को पुख्ता तरीके से खत्म कर देता है।'
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