28 जुलाई को लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी बताया। उनके इस बयान के बाद जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्ष के हंगामे के बाद वो मीडिया से मुखातिब हुए और कहा कि वो बंगाली हैं उनके हिंदी में त्रुटि है। वो लोकसभा के स्पीकर से मिले और बयान पर खेद जताया। लेकिन सत्ता पक्ष की तरफ से वो निशाने पर बने रहे। एक दिन बाद यानी 29 जुलाई को उन्होंने राष्ट्रपति को खत लिखकर माफी मांग ली और इसके साथ ही स्मृति ईरानी पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि जब वो सदन में बोल रही थीं तो राष्ट्रपति, मैडम जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। लिहाज सदन में उनके बयान को रिकॉर्ड से बाहर कर देना चाहिए।
'सोनिया जी के साथ अभद्रता हुई'
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि स्मृति ईरानी ने सोनिया गांधी के साथ अमर्यादित व्यवहार किया। उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। सोनिया गांधी को एक तरह से शारीरिक तौर पर भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। यही नहीं सत्ता पक्ष की तरफ से सदन का ऐसा माहौल बनाया गया कि उनका सदन में रहना मुश्किल हो गया।
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