बिना क्लिनिकल परीक्षण के बच्चों को कोविड का टीका लगाना एक आपदा होगी: हाईकोर्ट

देश
भाषा
Updated Jul 16, 2021 | 18:56 IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने कोविड 19 टीकों को लेकर एक कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि बच्चों को बिना क्लिनिकल ट्रायल के टीके लगाना एक आपदा होगी।

Administration Of Covid-19 Vaccines To Children Without Proper Research Will Be A Disaster Delhi High Court
'बिना क्लिनिकल ट्रायल के बच्चों को टीके लगाना एक आपदा होगी' 
मुख्य बातें
  • हाईकोर्ट ने एक नाबालिग की ओर से दायर जनहित याचिका पर की सुनवाई
  • आशंका है कि कोविड-19 की तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि यदि कोविड-19 टीकों को बिना क्लिनिकल परीक्षण के लगाया जाता है, विशेषकर बच्चों को, तो यह एक ‘‘आपदा’’ होगी। न्यायालय ने केन्द्र से कहा कि वह परीक्षण के बाद 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को जल्दी से टीका लगाने के लिए कदम उठाये क्योंकि पूरा देश इसका इंतजार कर रहा है। केंद्र ने उच्च न्यायालय को बताया कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोविड टीके का क्लिनिकल परीक्षण जारी हैं और यह पूरा होने वाला है। केंद्र ने कहा कि सरकार नीति बनाएगी और विशेषज्ञों की अनुमति के बाद ही बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा।

पूरा देश कर रहा है इंतजार

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा, 'परीक्षण पूरा हो जाने दीजिए, नहीं तो बिना परीक्षण के टीका लगाने से, वह भी बच्चों के मामले में, यह आपदा हो जाएगी।' पीठ ने कहा, 'एक बार परीक्षण पूरे हो जाएं, तो आप जल्द से जल्द इसे बच्चों पर लागू करें। पूरा देश इंतजार कर रहा है।' अदालत ने मामले में अगली सुनवाई छह सितंबर को निर्धारित की है। उच्च न्यायालय एक नाबालिग की ओर से दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा था। इसमें 12 से 17 आयु वर्ग के बच्चों के तत्काल टीकाकरण के निर्देश देने का इस आधार पर अनुरोध किया गया है कि आशंका है कि कोविड-19 की तीसरी लहर उन्हें ज्यादा प्रभावित करेगी।

केंद्र ने कही ये बात

केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि दवा कंपनी जायडुस कैडिला, जो डीएनए वैक्सीन विकसित कर रही है, ने 12 से 18 वर्ष की आयु के बीच के लिए अपना क्लिनिकल परीक्षण समाप्त कर लिया है और यह वैधानिक अनुमति के अधीन है। केंद्र ने स्थायी वकील अनुराग अहलूवालिया के माध्यम से दाखिल हलफनामे में कहा कि टीकाकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और उपलब्ध संसाधनों को ध्यान में रखते हुए कम से कम समय में 100 प्रतिशत टीकाकरण के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

 केंद्र ने 12 मई को कहा था भारत के औषधि महानियंत्रक ने भारत बायोटेक को अपने टीके कोवैक्सीन के लिए दो से 18 वर्ष की आयु के स्वस्थ स्वयंसेवकों पर क्लिनिकल परीक्षण करने की अनुमति दी है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश वासुदेव ने कहा कि विभिन्न देशों में आठ से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं और अदालत अधिकारियों से समयबद्ध तरीके से प्रक्रिया समाप्त करने के लिए कह सकती है। इस पर पीठ ने कहा कि सरकार कह रही है कि परीक्षण चल रहा है और शोध के लिए कोई समयबद्ध कार्यक्रम नहीं हो सकता।

बच्चों के लिए चल रहा है टीकाकरण

 इस बीच, अदालत ने कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए टीकाकरण के अनुरोध वाली एक अन्य याचिका का निपटारा कर दिया। अदालत ने कहा कि बच्चों के लिए टीकों का परीक्षण पहले से ही चल रहा है और केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने परीक्षा रद्द कर दी है और अब इस साल कक्षा 10वीं और 12 वीं के छात्रों के लिए परीक्षा का कोई ऑफलाइन तरीका नहीं है। पीठ ने कहा, ‘इन दो तथ्यों को देखते हुए... हमें इस स्तर पर इस याचिका पर विचार करने का कोई कारण नहीं दिखता है। याचिकाकर्ता को भविष्य में शिकायतों के लिए एक उपयुक्त प्राधिकरण को स्थानांतरित करने के लिए स्वतंत्रता दी गई है।’

खटखटा सकते हैं अदालत का दरवाजा
जब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपस्थित होना होगा, तो पीठ ने कहा कि वे उस समय अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। पहली जनहित याचिका इस आधार पर 12-17 साल के बच्चों के तत्काल टीकाकरण के निर्देश देने के अनुरोध के लिए दाखिल की गई थी कि ऐसी आशंका है कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर उन्हें और अधिक प्रभावित कर सकती है। याचिका में 17 साल तक के बच्चों के माता-पिता के टीकाकरण को प्राथमिकता देने का भी अनुरोध किया गया है क्योंकि दूसरी लहर के दौरान कई बच्चें उनके माता-पिता की कोविड ​​-19 के कारण मौत होने से अनाथ हो गए थे।
भाषा

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर