नई दिल्ली: केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए सांसदों को मिलने वाला 10 सीटों का कोटा समाप्त कर दिया गया है। गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला दिलाने के लिए सांसदों को यह कोटा मिलता था। सांसद अपने निर्धारित कोटे के आधार पर अपने क्षेत्र में छात्रों के दाखिले की सिफारिश करते थे। सांसदों की सिफारिश के आधार पर अधिकतम 10 छात्रों को दाखिला दिया जा सकता था। हालांकि अब यह प्रावधान खत्म कर दिया गया है।
सांसद कोटे से होते रहे हैं 7500 एडमिशन
केंद्रीय विद्यालयों में सांसद कोटे के अतिरिक्त केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की सिफारिश पर भी 450 विद्यार्थियों को दाखिला देने की व्यवस्था थी। हालांकि शिक्षा मंत्रालय को दिए जाने वाला यह 450 सीटों का कोटा बीते वर्ष ही पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया था।सांसद कोटे के विषय पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि क्या हम अपने अधिकार का प्रयोग कुछ चंद लोगों के लिये करेंगे या फिर सांसद के तौर पर हम सभी के लिये समान काम करेंगे।अब तक सांसद कोटे से 7,500 दाखिले होते रहे। इस बीच इस बार केंद्रीय विद्यालय संगठन ने फैसला किया है कि केवीएस में उन छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा, जिन्होंने कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है। इस वर्ष कक्षा एक से बारहवीं तक किसी भी कक्षा के लिए सभी केन्द्रीय विद्यालय में इस नियम का पालन किया जाएगा।
पिछले साल शिक्षा मंत्रालय का कोटा हुआ था समाप्त
बीते वर्ष देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कोटा समाप्त करने का निर्णय किया गया था और अब सांसदों का कोटा खत्म कर दिया गया है। यह फैसला केंद्र सरकार ने लिया है।अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा भी कई सांसदों को यह जानकारी उपलब्ध कराई गई है कि सांसद कोटा के तहत दाखिले हेतु सिफारिश न भेजें।इस बीच देश भर के केंद्रीय विद्यालयों में पहली कक्षा के छात्रों के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस वर्ष केंद्रीय विद्यालयों की दाखिला प्रक्रिया में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन किया जा रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक पहली कक्षा में दाखिले के लिए छात्रों की आयु एक मार्च 2022 तक छह वर्ष पूरी होनी चाहिए।
दाखिले के लिए न्यूनतम एज 6 वर्ष
केंद्रीय विद्यालयों में पहली कक्षा में दाखिला पाने के लिए जहां इस वर्ष न्यूनतम आयु 6 वर्ष कर दी गई है, वहीं पिछले वर्ष तक पहली कक्षा में दाखिले के लिए आयु सीमा 5 वर्ष थी। इस वर्ष नई शिक्षा नीति के अनुपालन हेतु यह बदलाव किया गया है।गौरतलब है कि बीते वर्ष जारी किए गए सीबीएसई 10वीं और 12वीं बोर्ड के नतीजों में केंद्रीय विद्यालय सबसे आगे थे। केंद्रीय विद्यालयों में सीबीएसई दसवीं बोर्ड का रिजल्ट 100 फीसदी रहा है। यानी केंद्रीय विद्यालय के सभी छात्र दसवीं कक्षा में उत्तीर्ण हो गए हैं।
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