देहरादून: तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री की तलाश अब खत्म हो चुकी है। पुष्कर सिंह धामी अब राज्य के अगले सीएम होंगे। बीजेपी की ओर से उत्तराखंड के पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर और डी पुरंदेश्वरी देहरादून के लिए रवाना हो चुके हैं जो विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे। विधायक दल की बैठक में नए नेता का चयन होगा जो अगले विधानसभा चुनाव तक राज्य की कमान संभालेगा। यह बैठक आज दोपहर तीन बजे होनी है।
नए सीएम की रेस में ये नाम
नए मुख्यमंत्री की रेस में जो नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं उनमें कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और धन सिंह रावत का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बंशीधर भगत का नाम भी इस रेस में शामिल है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इन तीनों में से नेता चुना जाएगा या फिर पिछली बार की तरह सारे कयास धरे रह जाएंगे और किसी सांसद या अन्य नेता को राज्य की कमान सौंपी जाएगी।
धनसिंह रावत
धनसिंह रावत उस समय भी प्रबल दावेदार बने हुए थे जब तीरथ सिंह रवात को राज्य की कमान सौंपी गई थी। लंबे समय तक संघ के साथ जुड़े धन सिंह रावत इस समय राज्य में उच्च शिक्षा मंत्री हैं। राम मंदिर अभियान से लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय भागीदारी करने वाले धन सिंह के पक्ष में एक बात जो नहीं जाती है वो ये है कि वो पहली बार विधायक बने हैं और ऐसे में अनुभव उनकी दावेदारी के आड़े आ सकता है।
सतपाल महाराज
पिछली बार जब नए सीएम के नामों को लेकर चर्चा हुई थी तब भी राज्य के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का नाम आगे था। इस बार फिर से महाराज प्रबल दावेदार के रूप में सामने आए हैं। सतपाल महाराज पूर्व में कांग्रेसी रहे हैं लेकिन असम में बीजेपी ने हेमंत बिस्वा सरमा को कमान सौंपी थी जिसके बाद सतपाल महाराज के लिए भी राह खुलती नजर आ रही है। आध्यात्मिक गुरू होने के साथ-साथ सतपाल महाराज बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। 2017 में वो चौबट्टाखल विधानसभा से विधायक चुने गए।
बंशीधर भगत
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत कालाढूंगी से विधायक हैं। वह उत्तराखंड बनने के बाद से ही विभिन्न बीजेपी सरकारों में अहम पदों पर मंत्री रह चुके हैं। सरल और सौम्य स्वभाव के भगत को संघ का भी नजदीकी माना जाता है।
इन नामों के अलावा जो नाम दावेदारी में है वो है राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का, हालांकि भाजपा इस समय ऐसा रिस्क नहीं लेगी क्योंकि बलूनी को भी फिर 6 महीने के अंदर विधानसभा का चुनाव लड़ना पड़ेगा। वहीं खटीमा से बीजेपी विधायक पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट हरक सिंह रावत का नाम भी दावेदारों में बताया जा रहा है।
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