कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले सीनियर नेता अहमद पटेल का बुधवार (25 नवंबर) तड़के 3.30 बजे गुरुग्राम के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे और एक महीने पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। उनके निधन से भारतीय राजनीति को गहरा झटका लगा है, खास करके कांग्रेस पार्टी को। वे पहली बार 1977 में मात्र 26 साल की उम्र में लोकसभा चुनाव जीते थे। उसके बाद से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और कांग्रेस सबसे भरोसेमंद नेता बने। भारतीय राजनीति में अधिकांश नेताओं ने परिवारवाद को बढ़ावा दिया लेकिन उन्होंने अपने परिवार को राजनीति से दूर रखा।
सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल राजनीतिक करियर बेहद शानदार रहा। वे चार दशक तक कामयाब राजनेता के तौर पर जिंदगी गुजारी। अगर वे चाहते तो अपने संतान को भी राजनीति में कामयाबी दिला सकते है। लेकिन उन्होंने अपने परिवार को इससे दूर ही रखा। उन्हें एक बेटा और एक बेटी है। बेटा फैजल पटेल बिजनेस करता है जबकि उनकी बेटी मुमताज पटेल की शादी के बाद घरेलू जिंदगी बिता रही हैं।
पटेल के पुत्र फैजल ने अपने पिता अहमद पटेल के निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्होंने ने तड़के करीब तीन बजकर 30 मिनट पर अंतिम श्वांस ली। कोरोना वायरस से संक्रमित पटेल पिछले करीब एक महीने से गुरूग्राम के अस्पताल में भर्ती थे और उनके स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं बढ़ गई थीं।
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