चेन्नई : देश के जिन चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है, उनमें तमिलनाडु भी शामिल है। बीजेपी यहां ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) का गठबंधन इस चुनाव में कांग्रेस के साथ है। चुनावी मैदान में असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) भी शामिल है, जिसे विपक्षी पार्टियां 'बीजेपी की बी-टीम' के तौर पर भी प्रचारित करती है। ओवैसी ने इन आरोपों पर जवाब दिया है तो एआईएडीएमके के साथ-साथ कांग्रेस और डीएमके को भी आड़े हाथों लिया है।
चेन्नई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैधी ने शुक्रवार को कहा कि एआईएडीएमके अब वो पार्टी नहीं रह गई है, जो कभी जयललिता के दौर में हुआ करती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पार्टी अब बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुलाम बन गई है। चेन्नई में ओवैसी ने कहा, 'एआईएडीएमके अब मैडम जयललिता की पार्टी नहीं रह गई है। उन्होंने एआईएडीएमके को हमेशा बीजेपी से दूर रखा। लेकिन दुर्भाग्यवश एआईएडीएमके अब नरेंद्र मोदी की गुलाम बन गई है।'
वह यहीं नहीं रुके, बल्कि डीएमके और कांग्रेस गठबंधन पर भी जमकर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा, 'यह कहा जा रहा है कि हमारे विधानसभा चुनाव लड़ने से बीजेपी को फायदा हो रहा है। लेकिन क्या डीएमके मुझे बताएगी कि उनकी धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा क्या है? जिस कांग्रेस पार्टी के साथ उसने हाथ मिलाया है, वह महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार का समर्थन कर रही है? आपके (डीएमके) हिसाब से शिवसेना धर्मनिरपेक्ष है या सांप्रदायिक?'
बाबरी मस्जिद के बहाने शिवसेना पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा, 'शिवसेना के सीएम ने महाराष्ट्र विधानसभा में बाबरी विध्वंस में शिव सैनिकों की भूमिका को लेकर गर्व जताया था। क्या डीएमके आज शिवसेना से सहमत है? दिनाकरन साहब और मुझ पर (बीजेपी की) बी-टीम होने के आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन डीएमके ने उस कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया है, जिसने शिवसेना को सत्ता में आने में मदद की।'
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