कोरोना संकट : AIIMS लेगा रोबोट्स की मदद, संक्रमण का खतरा कम करने से लेकर फ्लोर की सफाई तक में माहिर

देश
श्वेता कुमारी
Updated Apr 23, 2020 | 20:58 IST

Robots to tackle Corona crisis at AIIMS: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच दिल्‍ली और झज्‍जर के एम्‍स में रोबोट्स की तैनाती का फैसला लिया गया है, जो उच्‍च तकनीक से लैस हैं।

कोरोना संकट : AIIMS लेगा रोबोट्स की मदद, संक्रमण का खतरा कम करने से लेकर फ्लोर की सफाई तक में माहिर
कोरोना संकट : AIIMS लेगा रोबोट्स की मदद, संक्रमण का खतरा कम करने से लेकर फ्लोर की सफाई तक में माहिर 

नई दिल्‍ली : देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (AIIMS) रोबोट का इस्‍तेमाल कर रहा है। इसका इस्‍तेमाल राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली और हरियाणा के झज्‍जर स्थित एम्‍स के कोरोना संक्रमण केंद्र में किया जा रहा है, जिसका मकसद इंसानों के कोरोना वायरस के संपर्क में आने के खतरों को कम करना है। इससे संक्रमण एक इंसान से दूसरे में फैलने का खतरा भी कम होगा।

उच्‍च तकनीक से लैस हैं ये रोबोट्स
रोबोट्स के जरिये दिल्‍ली और झज्‍जर स्थित एम्‍स में स्‍क्रीनिंग, मॉनिटरिंग का काम लिया जाएगा। ये उच्‍च तकनीक क्षमता से लैस हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण जिस तेजी के साथ दुनियाभर में बढ़ रहा है, उसे देखते हुए दुनिया के अन्‍य देशों में भी रोबोट्स का इस्‍तेमाल बढ़ा है, जिसके जरिये स्‍वास्थ्‍यकर्मियों और कोरोना वायस से संक्रमित मरीजों के बीच संपर्क को सीमित करने का प्रयास किया जा रहा है। रोबोट iMap 9 और Humanoid ELF का निर्माण मिलाग्रोव ने किया है।

इस रोबोट में लगे हैं 60 से अधिक सेंसर
मिलाग्रोव के फाउंडर चेयरमैन राजीव करवाल ने एक बयान में कहा कि रोबोट्स कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में मददगार हो सकता है। साथ ही स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को संक्रमण की चपेट में आने से रोकने में भी सहायक है। Humanoid ELF रोबोट 92 सेमी लंबा है, जिसमें 60 से अधिक सेंसर लगे हैं। यह 2.9 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकता है। इसमें 3D और HD कैमरे भी हैं, जिसके जरिये रोबोट आइसोलेशन वार्ड में सभी तरह की गतिविधियां कर सकते हैं और उसे रिकॉर्ड भी कर सकते हैं। इससे डॉक्‍टर और नर्स संक्रमित मरीजों से दूर से भी बात कर सकते हैं। इसमें 10 इंच का डिस्‍प्ले स्‍क्रीन भी है, जिसके जरिये मरीज अपने परिजनों से भी बात कर सकते हैं।

फ्लोर क्‍लीन करता है ये रोबोट
एक अन्‍य रोबोट iMap 9 है, जिसका अस्‍पताल में अभी टेस्‍ट चल रहा है। यह फ्लोर क्‍लीन करने वाला रोबोट है, जो कई फ्लोर्स की सफाई कर सकता है और इसमें किसी इंसान की आवश्‍यकता नहीं होगी। फ्लोर की सतह पर यदि किसी भी रूप में कोरोना वायरस मिलता है तो यह रोबोट सोडियम हाइपोक्‍लोराइट सॉल्‍यूशन का इस्‍तेमाल करते हुए उसे नष्‍ट कर सकता है, जिसकी अनुशंसा ICMR ने की है।

कई जगह हो रहा रोबोट का इस्‍तेमाल
यहां उल्‍लेखनीय है कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कई सरकारी और निजी अस्‍पतालों में भी इस तरह के रोबोट्स के इस्‍तेमाल की मांग उठ रही है। देश में तमिलनाडु, केरल, राजस्‍थान के अस्‍पतालों में कुछ रोबोट्स की तैनाती मरीजों तक खाने-पीने की चीजें और दवाएं पहुंचाने के लिए की गई हैं। संक्रमण के बढ़ते खतरे को कम करने के लिए चीन, इटली, अमेरिका सहित कई अन्‍य देशों में भी कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को टालने के लिए रोबोट्स की मदद ली जा रही है।

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