Asaduddin Owaisi on Population row: ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को कहा कि परिवार में दो बच्चे होने की हिमायत करने वाले किसी भी कानून का वह समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जनसंख्या पर चीन ने जो गलती की है, हमें उसे दोहराना नहीं चाहिए। एआईएमआईएम नेता ने कहा कि वह ऐसे किसी कानून का समर्थन नहीं करेंगे जो व्यक्ति को दो ही बच्चे पैदा करने का आदेश देता हो। इस तरह के कानून से देश का भला नहीं होगा।
'मुसलमान कंट्रासेप्टिव का इस्तेमाल कर रहे हैं'
गत 11 जुलाई को 'जनसंख्या असंतुलन' उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा कि इन दिनों मुसलमान कंट्रासेप्टिव का इस्तेमाल कर रहे हैं। ओवैसी ने कहा, 'योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने भी कहा है कि देश में जनसंख्या पर नियंत्रण पाने के लिए किसी कानून की जरूरत नहीं है।'
चीन की गलती हमें दोहरानी नहीं चाहिए-ओवैसी
ओवैसी ने पूछा कि जनसंख्या की बात होने पर मुस्लिमों को क्यों बार-बार कठघरे में खड़ा किया जाता है। उन्होंने कहा, 'क्या मुस्लिम देश के नागरिक नहीं हैं? यदि हम वास्तविकता देखें तो पाएंगे कि आदिवासी और द्रविड़ लोग ही इस देश के मूल निवासी हैं। उत्तर प्रदेश में बिना किसी कानून के ही 2026-30 के दौरान वांछित जन्म दर हासिल कर लिया जाएगा।' ओवैसी ने कहा कि देश का कुल जन्म दर घट रहा है लेकिन 2030 आते-आते यह स्थिर हो जाएगा। चीन ने जो गलती की है हमें उसे दोहराना नहीं चाहिए।
जो ताकतवर है वो जीवन जी लेगा.. खाना-पीना और जनसंख्या बढ़ाने का काम तो पशु भी करते हैं: मोहन भागवत
ये काम तो पशु भी करते हैं-भागवत
बढ़ती जनसंख्या पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ खाना खाना और आबादी बढ़ाना, ये काम तो जानवर भी करते हैं। कर्नाटक के चिकबल्लापुरा जिले के मुद्देनहल्ली में श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, 'मनुष्य के पास अगर बुद्धि नहीं होती तो वो पृथ्वी पर सबसे कमजोर प्राणी होता। लेकिन कभी संज्ञानात्मक आवेग मनुष्य के जीवन में आया जिसने उसे सर्वश्रेष्ट बनाया मगर केवल खाना-पीना और प्रजा बढ़ाना, ये काम तो पशु भी करते हैं। जो ताकतवर है वो जीवन जी लेगा, यह जंगल का कानून है लेकिन मनुष्यों की व्याख्या है कि सबसे योग्य व्यक्ति दूसरों को जीने में मदद करेगा।'
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