हैदराबाद : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर पूरे देश में इसके समर्थक और विरोधी आमने-सामने हैं। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि मुसलमानों को किसी भी तरह के कागजात दिखाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने दलील दी कि मुसलमानों के पूर्वजों ने यहां कई वर्षों तक राज किया है, फिर आज उनसे दस्तावेज क्यों मांगे जा रहे हैं?
अकबरुद्दीन तेलंगाना में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, जब उन्होंने सीएए पर टिप्पणी करते हुए यह बयान दिया। बेहद आक्रामक अंदाज में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमानों के पूर्वजों ने इस देश पर कई वर्षों तक शासन किया और यहां के चप्पे-चप्पे पर उनकी बनाई निशानियां मौजूद हैं। यहां तक कि जिस लालकिला पर प्रधानमंत्री 15 अगस्त को झंडा फहराते हैं, वह भी उनके पूर्वजों ने बनवाया।
जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो भी पेपर मांग रहे हैं, उनकी बातों में आने की जरूरत नहीं है। उन्होंने लोगों से साफ कहा कि वे किसी तरह के पेपर प्रशासन को न दिखाएं। उन्होंने लोगों से कहा कि उनके पूर्वजों ने इस मुल्क को चारमिनार, मक्का मस्जिद, जामा मस्जिद और कुतुब मीनार जैसी ऐतिहासिक इमारतें दीं। एआईएमआईएम नेता ने इस दौरान जोर देकर कहा, 'ये मुल्क मेरा था, मेरा है और रहेगा।'
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