नयी दिल्ली: चीन के साथ लद्दाख (Ladakh Standoff) में सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया (Air chief marshal) ने कहा कि चीन की चुनौती से निपटने के लिये 'हम अच्छी स्थिति में हैं।' एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने लद्दाख में गतिरोध को लेकर कहा कि चीन से निपटने के लिये वायुसेना की तैयारियां अच्छी हैं और हमनें सभी प्रासंगिक इलाकों में तैनाती की है।सीमा पर चीन की तैयारी को लेकर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि शत्रु को कमतर आंकने का कोई सवाल ही नहीं है लेकिन 'आश्वस्त रहिये, किसी भी चुनौती का सामना करने के लिये वायुसेना मजबूती से तैनात है।'
हाल में वायुसेना (Airforce) में औपचारिक रूप से शामिल किये गए राफेल लड़ाकू विमानों के बारे में एयरचीफ मार्शल ने कहा कि इनकी तैनाती से वायुसेना को संचालनात्मक बढ़त मिली है। देश के सामने मौजूदा चुनौतियों को जटिल बताते हुए उन्होंने कहा कि हम दो मोर्चों पर जंग समेत किसी भी संघर्ष के लिये तैयार हैं।
भारत और चीनी के बीच करीब 6 महीने से जारी तनाव के बीच भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना ने एक बड़ा फैसला किया है। भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवणे और वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने मिलकर लद्दाख में चीनी सेना के खिलाफ युद्ध लड़ने का फैसला किया है। एक समय में नेशनल डिफेंस एकेडमी के कोर्स मेट्स रह चुके नरवणे और भदौरिया ने ईस्टर्न लद्दाख सेक्टर में चीनी सेना के खिलाफ थल सेना और वायु सेना को एक साथ मिलकर युद्ध करने की तैयारी कर रहे हैं।
जल्द ही लेह एयर फील्ड में भारतीय वायु सेना के IAF C-17s, ilyushin-76s और c-130J सुपर हरक्यूलस एयरक्राफ्ट जैसे लड़ाकू विमान वहां चीनियों के खिलाफ तैनात सेनाओं के लिए राशन और अन्य जरूरी सामग्रियां सप्लाई करते हुए नजर आएंगे। एयर फोर्स मुख्यालय में शीर्ष स्तर से ये साफ निर्देश है कि युद्ध क्षेत्र में सेनाओं और अन्य सुरक्षा बलों की जो भी जरूरतें होंगी वे सभी पूरी की जाएंगी।
कहा जा रहा है कि चीन और पाकिस्तान दोनों भारत के खिलाफ एक साथ आ सकते हैं, ऐसे में भारतीय वायु सेना भी पूरी तरह से तैयार है। वायुसेना ने हाल ही में कहा था कि वह दोनों मोर्चों पर एक साथ संचालन के लिए तैयार है। वायुसेना का फॉरवर्ड एयरबेस जहां से पाकिस्तान करीब 50 किलोमीटर दूर हैं और रणनीतिक दौलत बेग ओल्डी लगभग 80 किलोमीटर है वहां दिन और रात दोनों समय के लिए लड़ाकू, परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर तैयार और दोनों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एयरबेस जो श्योक नदी के साथ खार-डूंग के पास है वहां सुखोई -30 एमकेआई और सी -130 जे सुपर हरक्यूलिस, आईयूशिन -76 और एंटोन -32 सहित ट्रांसपोर्ट विमानों का संचालन हो रहा है।
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