नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में दिवाली के बाद से ही गंभीर स्तर का प्रदूषण बरकार है। हालांकि बुधवार को इसमें थोड़ी कमी दर्ज की गई थी, लेकिन गुरुवार सुबह यह एक बार फिर से गंभीर स्थिति में पहुंच गया। पूरे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर ) का स्तर सामान्य से कई गुना अधिक पाया गया।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में पीएम 2.5 बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से बिल्कुल भी ठीक नहीं है। दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में जहां पीएम 2.5 का स्तर 278 दर्ज किया गया, वहीं यूपी के गाजियाबाद में यह 275 दर्ज किया गया।
यहां गौरलतब है कि पीएम 2.5 का डायमीटर 2.5 माइक्रोन से भी कम होता है, जो सीधे फेफडों में पहुंचता है और उसे नुकसान पहुंचाता है। यह भी उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच के AQI को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच को 'मध्यम', 201 से 300 के बीच को 'खराब', 301 से 400 के बीच को 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच के AQI को 'गंभीर' माना जाता है।
दिल्ली में प्रदूषण का आलम यह है कि इसकी गिनती दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से एक के तौर पर होती है। यहां प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र व राज्य सरकारों को फटकार भी लगाई और कहा कि सरकारें समय पर नहीं चेततीं। दिल्ली में प्रदूषण के लिए हरियाणा-पंजाब में पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराने पर कोर्ट ने कहा कि सरकार ने इनसे निपटने के लिए समय पर इंतजाम नहीं किए।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।